- पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और सेना पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की आवाज दबाने के लिए मुस्तैदी दिखा रही है
- संसदीय कार्य मंत्री तारिक फजल चौधरी ने कहा है कि इमरान खान से 8 फरवरी तक किसी को मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी
- पाकिस्तान हाईकोर्ट ने सप्ताह में दो बार इमरान को परिवार और पार्टी नेताओं से मिलने का आदेश दिया था
पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और वहां की आर्मी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से इस हद तक डरी हुई है कि वो न कोर्ट का आदेश मानने को तैयार है और न ही उसे इंटरनेशनल लेबल पर हो रही थू-थू की परवाह है. पाक सरकार और आर्मी ने जैसे जीवन का एक ही मकसद बना लिया है- किसी भी सूरत में इमरान खान की आवाज बाहर नहीं आनी चाहिए. अब पाकिस्तान के संसदीय कार्य मंत्री तारिक फजल चौधरी ने कहा है कि जेल में बंद PTI नेता इमरान खान के साथ 8 फरवरी तक किसी को भी मिलने नहीं दिया जाएगा.
हालांकि पाकिस्तान के हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह सप्ताह में दो बार इमरान खान को उनके परिजनों या पार्टी नेताओं से मिलने की व्यवस्था करे. लेकिन सरकार अदालत की नहीं सुन रह रही है. ऐसे में इमरान के परिवार और पार्टी ने उन स्थितियों के बारे में चिंता व्यक्त की है जिनमें उन्हें जेल के अंदर रखा जा रहा है. यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष दूत ने भी चेतावनी दी है कि इमरान को ऐसी स्थितियों में रखा जा रहा है जो अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार हो सकता है.
खान पर सेना- देश को बदनाम करने का आरोप लगा रही सरकार
रिपोर्ट के अनुसार तारिक फजल चौधरी ने कहा कि जेल "किसी राजनीतिक पार्टी का हेडक्वाटर नहीं है". उन्होंने इमरान खान और उनकी पार्टी पर "संस्थानों और संस्थानों के नेताओं के खिलाफ जहर फैलाने" को आरोप लगाया. PML-N नेता तारिक फजल चौधरी ने कहा कि अतीत में PTI के नेताओं और इमरान खान के बीच अदियाला जेल में नियमित बैठकें होती थीं और सरकार को इसपर कोई आपत्ति नहीं थी. हालांकि, उन्होंने कहा कि बैठकें फिर जेल के बाहर राजनीतिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बदल गईं, और विपक्षी दल ने नैरेटिव बनाना शुरू कर दिया, जो तब "भारतीय मीडिया द्वारा चलाया गया".













