तालिबान को बड़ा झटका, अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने अफगानिस्‍तान को सारी वित्‍तीय मदद रोकी

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund या IMF) ने तालिबान के कब्‍जे के बाद अफगानिस्‍तान को सभी वित्‍तीय मदद रोक दी है.

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आईएमएफ ने अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा करने वाले तालिबान को बड़ा झटका दिया है

Afghanistan Crisis: तालिबान नेतृत्‍व  (Taliban leadership) के लिए यह बड़े झटके की तरह है. अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund या IMF) ने तालिबान के कब्‍जे के बाद अफगानिस्‍तान को सभी वित्‍तीय मदद रोक दी है. IMF के प्रवक्‍ता गैरी राइस (Gerry Rice) ने इस संबंध में एक ट्वीट किया है. ट्वीट में उन्‍होंने लिखा, 'जैसा कि हमेशा से होता है. IMF अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय (International community) के विचारों से संचालित होता है. अफगानिस्‍तान की सरकार के संबंध में इस समय अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय में स्‍पष्‍टता की कमी है. इसके परिणामस्‍वरूप यह देश SDR या IMF के अन्‍य संसाधनों तक नहीं पहुंच सकता.' गौरतलब है कि  अफगानिस्‍तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों के हटने के बाद से वहां तालिबानियों की पकड़ बढ़ती गई और अब राजधानी काबुल पर तालिबानियों का कब्‍जा हो गया है.

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इससे पहले, अफगानिस्तानके केंद्रीय बैंक (Central Bank) के प्रमुख ने भी बुधवार को कहा था कि कब्जे के बावजूद तालिबानके पास देश की अधिकांश नकदी और गोल्‍ड स्‍टॉक तक पहुंच नहीं होगी. द अफगानिस्तान बैंक (DAB) के गवर्नर अजमल अहमदी ने ट्विटर पर कहा कि बैंक के पास करीब 9 अरब डॉलर का भंडार था, लेकिन इसका ज्यादातर हिस्सा विदेशी बैंकों में हैं, जो कि तालिबान की पहुंच से दूर है. तालिबान के राजधानी में घुसने के डर से रविवार को देश छोड़कर भागे अहमदी ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक, ज्यादातर संपत्तियां सुरक्षित हैं, तरल संपत्तियां जैसे कोषागार और सोने में हैं.' 

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गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था. उन्हें संयुक्त अरब अमीरात शरण दी है. संयुक्त अरब अमीरात ने बुधवार को कहा कि वह तालिबान के अधिग्रहण के बीच अफगानिस्तान से भागे राष्ट्रपति अशरफ गनी की "मानवीय आधार पर" मेजबानी कर रहा है. यूएई द्वारा एक संक्षिप्त बयान में कहा गया, "यूएई विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय इस बात की पुष्टि कर सकता है कि यूएई ने राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार का मानवीय आधार पर देश में स्वागत किया है."

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