पाकिस्तान (Pakistan) में मुस्लिम लीग-नवाज़ की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Ex PM Imran Khan) के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगवाना चाहती है, साथ ही सरकार की कोशिश है कि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरकी-ए-इंसाफ (PTI) पर भी बैन लगा जाए. पाकिस्तान सरकार अब इसके लिए सुप्रीम कोर्ट (SC) जा रही है. पाकिस्तान में अगले कुछ महीनों में आम चुनाव होने हैं और हाल ही में पंजाब प्रांत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से शहबाज सरकार को बड़ा धक्का लगा था जब प्रधानमंत्री शहबाज के बेटे को पंजाब मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था. यह इमरान खान के राजनैतिक खेमे की जीत थी.
पाकिस्तान की डॉन न्यूज़ के अनुसार, इसके लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में इसके कानूनी मसलों को लेकर एक मीटिंग भी हुई. यह मीटिंग पाकिस्तान के चुनाव आयोग के उस फैसले के बाद हुई जिसमें कहा गया था कि इमरान खान की पार्टी को अवैध तौर से विदेशी फंडिंग मिली. दुनिया न्यूज़ के अनुसार, इस मीटिंग के बाद पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि पीटीआई के खिलाफ पॉलिटिकल पार्टी ऑर्डर (PPO) 2002 और इलेक्शन एक्ट 2017 के अनुसार कार्यवाही की जाएगी. इसे लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दाखिल करेगी.
मंगलवार को पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पीटीआई के खिलाफ फैसला सुनाया था. साथ ही पार्टी को विदेशी चंदे के बारे में सवाल करते हुए नोटिस भी दिया गया था.
एक लिखित आदेश में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने बताया था कि इमरान खान की राजनैतिक पार्टी को अमेरिका, यूएई, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से कई मिलियन डॉलर अवैध तौर से मिले.
मरियम ने कहा कि इससे साफ होता है कि इमरान खान की सरकार , "विदेशी-सहायता से चल रही पार्टी" थी. गौरतलब है कि इमरान खान उन्हें सत्ता से बेदखल करने में विदेशी ताकतों का हाथ बताया था.
उधर पाकिस्तान (Pakistan) के सत्तारूढ़ गठबंधन ने बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग में याचिका दायर कर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को अपनी संपत्ति की घोषणा में ‘तोशाखाने' से मिले उपहारों के बारे में जानकारी का खुलासा नहीं करने के लिए आजीवन अयोग्य ठहराने की मांग की. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट' (PDM) द्वारा दायर याचिका में देश के संविधान के अनुच्छेद 62(1)(F) के तहत खान को आजीवन अयोग्य ठहराए जाने की मांग की गई.
इसी प्रावधान के तहत पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 2017 में अयोग्य घोषित किया गया था.
पाकिस्तानी कानून के अनुसार, विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार तोशखाना या ‘सरकारी खजाने' में रखा जाना चाहिए.