पाकिस्तान में ट्रेन कैसे हुई हाईजैक? मैप और ग्रैफिक्स के जरिए समझिए

Pakistan Train Hijack:: पाकिस्तानी सेना ने अब तक 16 विद्रोहियों को ढेर कर दिया है. इस बीच बलोच विद्रोहियों का दावा है कि उन्होंने 30 पाकिस्तानी सैनिकों को मार दिया है. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. BLA और सेना के बीच गोलीबारी चल रही है.

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BLA से कैसे किया जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक.

पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को एक सुरंग में ट्रेन को हाईजैक (Pakistan Train Hijack) किए जाने के बाद दुनियाभर में बवाल मचा हुआ है. पाकिस्तान के उग्रवादी अलगाववादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पेशावर और क्वेटा के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेन को अपने कब्जे में लेकर 400 से ज्यादा यात्रियों को बंधक बना लिया. बंधकों को विद्रोहियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए पाकिस्तान सरकार का रेस्क्यू ऑपरेशन अब तक जारी है. सुरक्षाबल अब तक 104 बंधकों को छुड़ा चुके हैं. वहीं 16 से ज्यादा अलगाववादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. इस सब के बीच सवाल ये है कि आखिर इस ट्रेन को हाईजैक किया कैसे गया, ये हम ग्राफिक्स के जरिए समझाते हैं.

ये भी पढ़ें-In-depth: पाकिस्तान सरकार से 25 साल से लड़ रही बलूच लिबरेशन आर्मी का क्या है मकसद?

पेशावर और क्वेटा के बीच ट्रेन हाईजैक

जाफर एक्सप्रेस मंगलवार सुबह 9 बजे क्वेटा से रवाना हुई थी. पाकिस्तान के सरकारी मीडिया आउटलेट रेडियो पाकिस्तान और पीटीवी न्यूज के मुताबिक, अलगाववादियों ने बोलन दर्रे के धादर इलाके में क्वेटा से 400 से ज्यादा यात्रियों और कर्मचारियों को पेशावर लेकर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर हमला किया. महिलाओं और बच्चों समेत सभी यात्रियों को बंधक बना लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान विदेश में बैठे कुछ लोग बीएलए की मदद कर रहे थे. 

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ट्रेन पर कैसे किया कब्जा?

जाफर एक्सप्रेस जैसे ही बलूचिस्तान प्रांत के बोलान इलाके में सुरंग के भीतर पहुंची, वहां पहले से घात लगाए बैठे बीएलए के सदस्यों ने ट्रैक पर धमाका कर दिया. धमाके की आवाज सुनकर ट्रेन रुकने पर मजबूर हो गई. जिसके बाद हमलावरों ने ट्रेन के इंजन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. इस घटना में ट्रेन में मौजूद सुरक्षाकर्मी और ड्राइवर सभी घायल हो गए. 

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ट्रेन में कैसे घुसे बलूच अलगाववादी?

जाफर एक्सप्रेस पर हमले के बाद हमलावरों के लिए ट्रेन में चढ़ना आसान हो गया. विद्रोहियों ने ट्रेन को तुरंत अपने कब्जे में ले लिया. जिसके बाद ट्रेन के भीतर भी काफी बवाल हुआ. वहां मौजूद सुरक्षा बलों ने विद्रोहियों पर फायरिंग की तो बीएलए ने भी जवाबी गोलीबारी शुरू कर दी. बीएलए का दावा है कि उन्होंने 30 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों को मार दिया है.  वहीं रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस घटना में 10 लोग मारे गए हैं. 

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BLA  ने यात्रियों को कैसे बनाया बंधक ?

 जाफर एक्सप्रेस जब 400 यात्रियों को लेकर क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी बलूच अलगाववादियों ने गुदलार और पीरू कोनेरी इलाकों के बीच उस पर गोलीबारी शुरू कर दी.  ट्रेन जैसे ही रुकी बीएलए के लोग उसमें चढ़े और अंदर मौजूद महिलाओं और बच्चों समेत सभी यात्रियों को बंधक बनाने में सफल हो गए. सुरक्षा बलों ने  रेस्क्यू ऑपरेशन कर अब तक104 बंधकों को सुरक्षित बचा लिया है. बाकी बचे यात्रियों को छुड़ाने के लिए रेक्स्यू ऑपरेशन जारी है. 

मांगें न माने जाने पर बंधकों को मारने की धमकी

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का इस ट्रेन को हाईजैक करने का मकसद क्या था, ये भी थोड़ी ही देर में साफ हो गया. इन अलगाववादियों ने सभी बलूच राजनीतिक कैदियों और जबरन गायब हुए लोगों को बिना शर्त रिहा करने की मांग पाकिस्तान सरकार के सामने रखी है. सभी की रिहाई के लिए उन्होंने पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया. इसके साथ ही बीएलए ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो बंधकों को मार दिया जाएगा और ट्रेन को भी उड़ा दिया जाएगा. 

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क्वेटा से राहत ट्रेन सिबी के लिए रवाना

ट्रेन हाईजैक और वहां हुई गोलीबारी में यात्रियों- सुरक्षाबलों के घायल होने पर सिबी अस्पताल को तुरंत इमरजेंसी घोषित कर दिया गया. वहीं रेलवे अधिकारियों ने राहत-बचाव कार्य के लिए क्वेटा से सिबी के लिए तुरंत ट्रेनों को रवाना किया. अधिकारियों के मुताबिक, पहाड़ी इलाका होने की वजह से अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ा. पाकिस्तान रेलवे के मुताबिक इस रेलमार्ग पर 17 सुरंगें हैं और दुर्गम इलाका होने की वजह से ट्रेन की स्पीड अक्सर धीमी रहती है.

बलूचिस्तान हिंसक अलगाववाद से जूझ रहा 

बता दें कि बलूचिस्तान में पिछले एक साल में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है. नवंबर 2024 में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए आत्मघाती धमाके में कम से कम 26 लोग मारे गए थे और 62 अन्य घायल हुए थे. तेल और खनिज संपन्न बलूचिस्तान, पाकिस्तान का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है. ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगा बलूचिस्तान लंबे समय से हिंसक अलगाववाद से जूझ रहा है. बलूच विद्रोही समूह अक्सर सुरक्षा कर्मियों, सरकारी परियोजनाओं और क्षेत्र में 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं को निशाना बनाकर हमले करते रहते हैं.