हमास के कब्‍जे में हैं कितने बंधक... इज़रायल के पास क्‍या विकल्‍प...?

इज़रायल की जनता अभी तक प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मजबूती से खड़ी नजर आ रही है. क्या इज़रायल सरकार हमास के हमलों का बदला लेने के लिए जनता की भावनाओं को जोखिम में डालेगी?

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इज़रायल-हमास के बीच खूनी जंग चौथे दिन भी जारी

इज़रायल और हमास (Israel Hamas War) के बीच जारी 'जंग' का आज चौथा दिन है और बमबारी दोनों ओर से जारी है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू (Benjamin Netanyahu) ने कहा है कि वह हमास को मिट्टी में मिलाकर ही दम लेंगे. ऐसे में हमास अपने कदम पीछे हटाते हुए नजर आ रहा है. साथ ही हमास ने चेतावनी दी है कि अगर इज़रायल ने अब गाजा पट्टी (Gaza Strip) पर एक भी बम गिराया, तो हर बम के साथ उसके एक बंधक को मौत के घाट उतार दिया जाएगा.   

इज़रायल-हमास के बीच खूनी जंग चौथे दिन भी जारी

रॉयटर्स ने मंगलवार को कहा बताया कि जब भी इजरायल गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के घरों पर बिना किसी चेतावनी के बम गिराता है, तो हमास ने एक बंधक को मारने की धमकी दी है, क्योंकि दोनों पक्षों के बीच खूनी युद्ध चौथे दिन भी जारी है, जिसका कोई अंत नहीं दिख रहा है. बताया जा रहा है कि हमास के कब्‍जे में इजराइल के 150 बंधक हैं. इनमें जिनमें बच्चे, महिला और पुरुष हैं. इन्‍हें शनिवार तड़के शुरू हुए हमलों में सीमावर्ती कस्बों और किबुत्ज़िम से किडनैप किया गया था.

"हर हमले पर एक बंधन की मौत..."

हमास के प्रवक्ता अबू उबैदा ने कहा, "बिना किसी चेतावनी के हमारे लोगों को निशाना बनाने पर एक नागरिक बंधक को फांसी दी जाएगी." एएफपी ने बताया कि चार बंधकों की पहले ही मौत हो चुकी है (यह स्पष्ट नहीं है कि वे इजरायली थे या अन्य नागरिक). इन बंधकों ने इजरायली सरकार के लिए बड़ी समस्या पैदा कर दी है, जिसने हमास के हमलों का जवाब "बड़े पैमाने पर" देने की कसम खाई है. तेल अवीव द्वारा जमीनी हमले से पहले जल मार्ग सहित तीन लाख से अधिक सैनिकों को बुलाए जाने के बाद फिलिस्तीनी एक बड़ी जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हो रहा है.

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PM बेंजामिन नेतन्याहू शायद अभी ऐसी गलती ना करें...

इज़रायल की जनता अभी तक प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मजबूती से खड़ी नजर आ रही है. संकट की इस घड़ी में उन्हें विपक्ष का भी पूरा समर्थन प्राप्त है. पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान विपक्ष के नेता यायर लैपिड ने सोमवार को एनडीटीवी से कहा, "अभी किसी को राजनीति की परवाह नहीं है... इससे कोई फर्क नहीं पड़ता." ऐसे में नेतन्‍याहू कोई भी ऐसा कदम उठाने की गलती शायद नहीं करेंगे, जिससे जनता में उनकी छवि धूमिल हो और विपक्ष को एक मुद्दा मिल जाए. इसलिए नेतन्‍याहू को बेहद सावधानीपूर्वक गाज़ा पट्टी पर कदम बढ़ाने होंगे.  

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विशेषज्ञों ने की ये भविष्यवाणी

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यदि बंधकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें बचाना प्राथमिकता नहीं है, तो इजरायली अपने नेता को "माफ़" नहीं करेंगे. इज़रायल पर अध्ययन करने वाले फ्रांसीसी समाजशास्त्री सिल्वेन बुल्ले ने एएफपी को बताया, "नागरिकों का रवैया यह होगा कि 'आप हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं, हमारे बंधकों को वापस लाओ." बुल्ले ने बंधकों के मारे जाने पर राजनेताओं और सेना के बीच तनाव की भी भविष्यवाणी की है.

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बंधकों को पहली प्राथमिकता नहीं दी जा सकती...

क्या इज़रायल सरकार हमास के हमलों का बदला लेने के लिए जनता की भावनाओं को जोखिम में डालेगी? इस सवाल के जवाब में तेल-अवीव स्थित राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान के एक शोधकर्ता कोबी माइकल के अनुसार, "बंधकों को पहली प्राथमिकता नहीं दी जा सकती. सभी दुखों के साथ... इज़रायल बंधक मुद्दे का समाधान तभी करेगा, जब उसका पलड़ा भारी हो और जब हमास हार जाए... उससे एक सेकंड भी पहले नहीं."

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36 फिलिस्तीनी महिलाओं की रिहाई की मांग

रॉयटर्स ने यह भी कहा है कि कतर के मध्यस्थ इजरायली जेलों में बंद 36 फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों के बदले में बंधकों की रिहाई पर बातचीत कर रहे हैं. कतर के विदेश मंत्रालय ने रॉयटर्स से पुष्टि की कि वह इस मध्‍यस्‍थता में शामिल हैं और सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि बातचीत "सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है." कतर में हमास के सूत्रों ने एएफपी को बताया कि फिलहाल कैदियों या किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत की कोई संभावना नहीं है."

गाजा की "पूर्ण घेराबंदी", न खाना न बिजली... 

सोमवार को पीएम नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और कहा, "हमास के आतंकवादियों ने बच्चों को बंधक बना लिया, जला दिया और मार डाला. वे बर्बर हैं. हमास आईएसआईएस है..." इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने सोमवार को गाजा की "पूर्ण घेराबंदी" का आदेश दिया; "बिजली नहीं, खाना नहीं, पानी नहीं, गैस नहीं..." गाजा पट्टी 365 वर्ग किमी बड़ी और 2.3 मिलियन लोगों का घर है. यह दुनिया का तीसरा सबसे घनी आबादी वाला स्थान है.

शनिवार को युद्ध शुरू होने के बाद से 1,600 से अधिक लोग मारे गए हैं और 6,000 से अधिक घायल हुए हैं. वेस्ट बैंक से भी पंद्रह मौतों की सूचना मिली है, जहां फिलिस्तीनियों की इजरायली सेना के साथ झड़प हुई थी. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अब तक 1.3 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं.

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