Israel Hezbollah war: लेबनान के साथ इजरायल ने समझौता कर लिया है. इजरायल लेबनान के भीतर हिजबुल्लाह आतंकी संगठन को निशाना बना रहा था और इजरायल ने संगठन को मिटाने के अपने मकसद को पूरा करने के बाद इजरायल से समझौता भी कर लिया और एक सवाल जो सबके मन में है कि क्या हिजबुल्लाह के आतंकियों को पूरी तरह से मिटा दिया गया है. क्या उनके हथियारों को नष्ट कर दिया गया है. क्या अब फिर कभी हिजबुल्लाह के लड़ाके फिर कभी सिर नहीं उठा पाएंगे. 27 नवंबर को यह समझौता किया गया और इसे तुरंत इसी शर्त के साथ लागू किया गया कि यदि लेबनान की ओर से फिर इजरायल पर कोई हमला होता है तब इजरायल एक बार फिर सैन्य कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. इजरायल ने भी इस बारे में धमकी में यह बात कही है.
इजरायल ने हिजबुल्लाह को पहुंचाया बहुत नुकसान
समझौते से पहले इजरायल इस बात को लेकर आश्वस्त था कि उसने हिजबुल्लाह के हथियारों के डिपो को समाप्त कर दिया है और मौजूदा लड़ाकों को मिटा दिया है. कई रिपोर्टों में यह दावा किया गया है और खुद हिजबुल्लाह की ओर से भी माना गया है कि इजरायल के लेबनान में किए गए हमलों में 4000 से अधिक हिजबुल्लाह के लड़ाके मारे गए हैं. इजरायल ने इस बार लेबनान पर तीसरी बार इस प्रकार की कार्रवाई की है. लेबनान में घुसकर इजरायल की वायुसेना ने हिजबु्ल्लाह के मिसाइल उत्पदान केंद्रों को पूरी तरह से बरबाद कर दिया है. बताया जा रहा है कि इजरायल की इस प्रकार की कार्रवाई लेबनान में पिछले दो महीनों से जारी हमले के अंत के रूप में देखी जा रही है. इसी के बाद समझौता हो गया.
ईरान दे रहा हिजबुल्लाह को समर्थन
गौरतलब है कि हिजबुल्लाह को ईरान की ओर से पूरा समर्थन मिलता है. इतना ही नहीं ईरान से हथियारों की खरीद तक के लिए पूरी मदद मिलती है. ऐसे में हिजबुल्लाह काफी समय से प्रयासरत रहा है कि वह लेबनान में ईरान की सटीक मारक क्षमता वाली मिसाइलों उत्पादन का काम करे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. इसलिए इजरायल की यह कोशिश रही है कि हिजबुल्लाह की मिसाइल क्षमता को मिटाया जाए. इस बार के हमले में इजरायल ने कुछ ऐसा ही किया है.
हमले पर इजरायल फिर देगा जवाब
संभव है कि युद्ध फिर शुरू हो जाए, लेकिन चाहे कुछ भी हो, हिज़्बुल्लाह की इस प्रमुख क्षमता को ख़त्म करना जरूरी था. इजरायल का आरोप रहा है कि सीरिया के जरिए हिजबुल्लाह मिसाइलें लेबनान में लेकर जाता रहा है. इजरायल को आशंका है कि सटीक मारक क्षमता वाली मिसाइलें (Iranian precision-guided missiles PGM) हासिल करके हिजबुल्लाह इजरायल के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है. इससे हिजबुल्लाह इजरायल के महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बना सकता है.
हिजबुल्लाह के ड्रोन हमले खतरा
इजरायल ने इस बार यह भी देखा है कि हिजबुल्लाह ने कामिकेज ड्रोन से भी इजरायल पर हमला किया था. इस प्रकार के ड्रोन भी सटीक हमला करने में सक्षम होते हैं. यही कारण है कि इजरायल ने अपने हमलों हिजबुल्लाह के पास मौजूद इस ताकत को मिटा दिया है. साथ ही इजरायल की ओर से इस ड्रोन प्रोजेक्ट में शामिल कई हिजबुल्लाह के आतंकियों को भी मार गिराया गया है. इजरायल को अब लगता है कि हिजबुल्लाह को अब यह ताकत हासिल करने में फिर काफी समय लग सकता है.
इजरायल फिर कर सकता है हमला
आईडीएफ के प्रवक्ता आर एडम डेनियल हागारी का दावा है कि हमने हिजबुल्लाह की हथियारबंद करने और पुनः आपूर्ति करने की क्षमता को भी टारगेट किया है, और हमने हमारे क्षेत्र में इसकी योजनाबद्ध घुसपैठ को अंजाम देने की इसकी क्षमता को नष्ट कर दिया है. पीजीएम स्थल पर इजरायल की स्ट्राइक इस संघर्ष के अंतिम लक्ष्यों में से एक थी.
जमीन के नीचे 1.5 किलोमीटर लंबी सुरंग में मिसाइल निर्माण
आईडीएफ ने कहा कि संघर्ष विराम लागू होने से पहले खुफिया जानकारी पर काम करते हुए इजरायली वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने बेका के जनता इलाके में हिजबुल्लाह के सबसे बड़े सटीक-निर्देशित मिसाइल उत्पादन स्थल पर हमला किया. यहां पर 1.4 किलोमीटर लंबे भूमिगत बुनियादी ढांचे का उपयोग सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और विभिन्न हथियारों के उत्पादन करने और इज़राइल पर हमलों में उपयोग किए जाने वाले सटीक हथियारों की एक श्रृंखला को स्टोर करने के लिए किया गया था.
आईडीएफ ने बताया कि यह साइट सीरियाई सीमा के पास एक भूमिगत परिसर में स्थित थी. अपनी निकटता के कारण, यह स्थल एक केंद्रीय बिंदु था जिसके माध्यम से सीरिया और लेबनान से हजारों हथियारों के घटकों और यहां तक कि आतंकवादी गुर्गों की तस्करी की जाती थी. इज़रायल का मानना है कि पिछले दशक में ईरानी समर्थन से हिज़्बुल्लाह की युद्ध सामग्री उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है.
ईरान की चाल से इजरायल परेशान
वहीं, ईरान भी युद्ध सामग्री उत्पादन को लेबनान ले जाना पसंद करता है क्योंकि इज़राइल ने सीरिया के माध्यम से ईरानी तस्करी पर प्रहार करने के लिए युद्धों के बीच एक अभियान चलाया है.
आईडीएफ ने का कहना है कि हाल के वर्षों में, हिजबुल्लाह ने ईरानी सहायता और सहयोग से इस साइट का निर्माण और संचालन शुरू किया था. ईरानी गुर्गों ने लेबनानी हिज़्बुल्लाह आतंकवादियों के साथ साइट पर काम किया था. जिसे मिटा दिया गया है. हिजबुल्लाह ने अब यह साइट खो दी है. फिर भी, यह संभव है कि हिजबुल्लाह अपने पीजीएम उत्पादन को फिर चालू करने की कोशिश करेगा.
अब इजराइल नहीं चाहता कि हिजबुल्लाह दोबारा हथियार बनाए, लेकिन आशंका यही है कि हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह आने वाले महीनों और वर्षों में चुपचाप और गुप्त रूप से फिर से हथियारबंद होने की कोशिश करेगा. इसका मतलब यह हुआ कि हिजबुल्लाह फिर इजराइल के लिए खतरा बनेगा.
हिजबुल्लाह के चलते इजरायल की सीरिया को धमकी
उधर, टाइम्स ऑफ इजरायल की खबर के अनुसार इजरायल ने हिजबुल्लाह के साथ युद्धविराम प्रभावी होने से ठीक पहले लेबनान और सीरिया के बीच सीमा क्रॉसिंग पर इजरायली हमलों की एक श्रृंखला का उद्देश्य आतंकवादी समूह के तस्करी के प्रयासों को विफल करना था. जबकि दमिश्क को एक सख्त चेतावनी के रूप में बताया गया है कि इजरायल इसे रोकने के लिए गंभीर कार्रवाई करेगा. इजरायल ने सीरिया को साफ कर दिया है कि सीरियाई क्षेत्र के माध्यम से हिज़्बुल्लाह को ईरानी हथियारों से पुनः सशक्त करने का प्रयास के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इज़राइल रक्षा बलों ने कहा है कि संघर्ष विराम के बीच वह लेबनानी आतंकवादी समूह को सभी हथियारों की डिलीवरी को रोकने के लिए कार्रवाई करना जारी रखेगा, जिसमें लेबनान या सीरिया में कहीं भी शिपमेंट पर हमला करना भी शामिल है.
इसी के साथ ही इजरायल की ओर से सीरिया की सरकार को धमकी दी गई है. आईडीएफ प्रवक्ता ने कहा कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर असद का शासन हिजबुल्लाह की सहायता के लिए भुगतान करेगा.
आग से खेल रहा सीरिया
मंगलवार को खुद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी थी कि असद को समझना चाहिए कि वह हिजबुल्लाह को ईरानी शिपमेंट को पारित करने में सक्षम बनाकर आग से खेल रहे हैं.