ईरान की वो कौन सी तकनीक जिसने इजरायल को दे दी मात!

आखिर यह कैसे संभव हो पाया कि जो इजरायल 5000 रॉकेट के हमलों को नाकाम कर सकता है वह कैसे 200 के करीब मिसाइल के हमलों को रोक नहीं पाया. 

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ईरान के इजरायल पर हमले की तस्वीर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

Iran Israel War: ईरान ने मंगलवार की रात इजरायल पर करीब 200 मिसाइलों से हमला किया. काफी मिसाइल इजरायल (Iran missle attack on Israel) ने हवा में ही मार गिराई लेकिन कुछ मिसाइलें जमीन तक पहुंचने में कामयाब हो गईं और इन मिसाइलों ने जमीन पर तबाही मचाई. इससे पहले माना जा रहा था कि इजरायल के आयरन डोम की वजह से कोई मिसाइल या रॉकेट इजरायल की जमीं को छू भी नहीं सकता, लेकिन ईरान के हमले ने इस बात को गलत साबित कर दिया. ईरान की एक साथ सैकड़ों मिसाइल से हमले की रणनीति के सामने इजरायल की तकनीकी फेल हुई. पूरी दुनिया में यह सवाल उठाया जा रहा है कि ऐसा क्या था कि यह तकनीक फेल हो गई. 

क्यों फेल हो गई इजरायल की तकनीक

ईरान ने इजरायल के कई शहरों पर एक साथ हमला किया. ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूश्नरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGA) के सुनियोजित हमले से इजरायल परेशान हो गया. IRGA का दावा है कि यह हमले इजरायल के तेल अवीव के तीन मिलिट्री बेस को निशाना बनाकर किया गया था.

ईरान की मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक IRGA ने पहली बार हाईपरसोनिक फतेह मिसाइल का इस्तेमाल किया है. 

कैसे और क्यों इजरायल रोक नहीं पाया मिसाइल हमला

आखिर यह कैसे संभव हो पाया कि जो इजरायल 5000 रॉकेट के हमलों को नाकाम कर सकता है वह कैसे 200 के करीब मिसाइल के हमलों को रोक नहीं पाया. 

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ईरान के पास उन्नत तकनीक

यह सवाल सभी के मन में है. अब कहा जा रहा है कि ईरान की मिसाइल काफी उन्नत है. पिछले साल ही ईरान ने इस बारे में अपने इरादे साफ कर दिए थे. मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक ईरान की ओर से कहा गया था कि उसके पास मिसाइल तकनीक में अब एआई की तकनीक का भी इस्तेमाल करने की क्षमता आ गई है. 

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(इजरायल पर ईरान के हमले की तस्वीर)

यूरेशियन टाइम्स की खबर के मुताबिक हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के सफल परीक्षण के बाद से ईरान ने नेवल वॉरशिप और मिसाइल तकनीक में एआई का प्रयोग आरंभ कर दिया है. पिछले साल छपी रिपोर्ट में कहा गया था कि इस तकनीक के जरिए ईरान IRGA नेवी को उन्नतशील बनाएगा और अपनी मिसाइल के प्रोजेक्टाइल को जरूरत के हिसाब से बदल की क्षमता हासिल कर चुका है.

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इसी दौरान ईरान ने 1400 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली फतेह हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण की बात भी कही थी. 

ईरान की एआई तकनीक

ईरान ने दावा किया था कि उसकी इस मिसाइल की क्षमता आवाज की गति से 15 गुणा तेजी से अपने लक्ष्य को मारने का काम कर सकेगी. इसी दौरान ईरान ने फतेह 2 को भी दुनिया के सामने दिखाया और दावा किया कि यह मैक-5 से बेहतर है. 

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जेरुसेलम पोस्ट की खबर के मुताबिक ईरान के नेवी प्रमुख ने दावा किया है कि ईरान के वॉरशिप के पास ऐसी मिसाइल दागने की क्षमता है.  इसी के साथ ईरान की ओर से यह भी दावा किया गया कि उसकी यह क्षमता इजरायल के पास उपलब्ध तकनीक से भी उन्नत किस्म की है.

ईरान ने कहा कि इजरायल की मिसाइल को जैम करने और उसके इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाने की तकनीक से बेहतर सिस्टम उसने विकसित कर लिया है. 

ईरान के पास कमांड गाइडेड मिसाइल

इसके साथ ही ईरान के पास दूसरी अहम मिसाइल भी है जिसका नाम अबू माहदी है. यह मिसाइल कमांड गाइडेड बताई जाती है. इसका मतलब यह हुआ कि इसे लॉन्च के बाद भी कमांड दिया जा सकता है और टारगेट तय किया जा सकता है. साथ ही इसका प्रोजेक्टाइल भी बदला जा सकता है. यह मिसाइल मूविंग टारगेट को नष्ट करने में भी कारगर बताई जाती है. 

हवा में नीची उड़ान भर सकती है मिसाइल

इन एआई तकनीक से लैस मिसाइल के बारे में ईरान का दावा है कि ये मिसाइल लो अल्टीट्यूड पर भी उड़ सकती है और अपने टारगेट को नष्ट कर सकती है.

लो फ्लाइंग के कारण यह रडार की पकड़ से बाहर हो जाती हैं और हवा के बीच में अपने रास्ते को बदल सकती हैं.

ईरान के उन्नत ड्रोन

इनके अलावा ईरान के पास ड्रोन भी हैं जो उसकी सैन्य क्षमता में काफी इजाफा करते हैं.  बताया जा रहा है कि ईरान के ड्रोन भी एआई तकनीक से लैस हैं. ईरान अपनी इस क्षमता का प्रदर्शन भी कर चुका है. 

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