कीव के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने सुबह-सुबह भरी उड़ान, फिर पकड़ी ट्रेन, इस तरह चुपचाप तय किया पूरा सफर

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का कीव दौरा बेहद चौंकाने वाले रहा. बाइडेन की इस यात्रा की काफी चर्चा हो रही है. बाइडेन ने युद्ध के बीच कीव तक का सफर कैसे तय किया, यहां विस्तार से जानिए.

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जो बाइडेन आखिरी बार यूक्रेन की राजधानी तब आए थे जब वो उप राष्ट्रपति थे.
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अमेरिकी राष्ट्रपति के यूक्रेन दौरे की दुनियाभर में चर्चा
जो बाइडेन बड़े गुपचुप तरीके से पहुंचे कीव
फ्लाइट और ट्रेन से सफर कर कीव पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति
वाशिंगटन:

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का यूक्रेन दौरा काफी सुर्खियां बटोर रहा है. युद्ध के समय बाइडेन की ये यात्रा सोमवार सुबह अचानक से वाशिंगटन के बाहर एक सैन्य हवाई अड्डे हैंगर में आधी रात में शुरू हुई. फिर सुबह-सुबह जो बाइडेन एक वायु सेना बोइंग 757 में सवार हुए, जिसे C-32 के रूप में जाना जाता है. इस विमान को अमेरिकी राष्ट्रपति की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है. पंद्रह मिनट बाद बाइडेन, कुछ सुरक्षाकर्मी, एक छोटी मेडिकल टीम, करीबी सलाहकार, और दो पत्रकार युद्ध क्षेत्र के रास्ते से यात्रा पर निकल गए.

अमेरिकी राष्ट्रपति जहां भी जाते हैं सार्वजनिक रूप से उनके द्वारा कहे गए प्रत्येक शब्द को रिकॉर्ड और पब्लिश किया जाता है. द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्टर, सबरीना सिद्दीकी ने खुलासा किया - एक बार व्हाइट हाउस द्वारा विवरण प्रकाशित करने की अनुमति दी गई . तब उन्हें और फोटोग्राफर को सुबह 2:15 बजे वाशिंगटन के बाहर ज्वाइंट बेस एंड्रयूज में बुलाया गया था. इस दौरान उनके फोन तब तक के लिए जब्त कर लिए गए. जब तक बाइडेन लगभग 24 घंटे बाद यूक्रेन की राजधानी में नहीं पहुंचे. 

उन्होंने ईंधन भरने के लिए वाशिंगटन से रामस्टीन, जर्मनी में अमेरिकी सैन्य अड्डे तक लगभग सात घंटे तक उड़ान भरी. यहां भी उनके प्लेन की विंडो शेड नीचे ही रहे और वे प्लेन से बाहर तक भी नहीं निकले. उनकी अगली उड़ान पोलैंड के लिए थी, जो रेज़्ज़ो-जेसिओनका हवाई अड्डे पर उतरी. जो कि यूक्रेन युद्ध के बाद से अरबों डॉलर के हथियारों और गोला-बारूद के लिए एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र भी बन गया है.

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इस मौके तक भी, सिद्दीकी और फोटोग्राफर, एसोसिएटेड प्रेस 'इवान वुची, ने खुद बाइडेन को नहीं देखा था. बाइडेन के साथ यात्रा करने वाले रिपोर्टर अक्सर मोटरसाइकिलों में जाते हैं, लेकिन इस बार बहुत कुछ अलग था. यहां तक कि यह घोषणा करने के लिए कोई सायरन भी नहीं था कि अमेरिकी राष्ट्रपति यूक्रेनी सीमा के पास पोलिश ट्रेन स्टेशन प्रेज़ेमिस्ल ग्लोनी जा रहे थे.

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स्थानीय समयानुसार रात के 9:15 बज चुके थे, तब वे एक ट्रेन में रुके थे. तब पत्रकारों को सवार होने के लिए कहा गया था. ट्रेन में लगभग आठ कारें थीं. सिद्दीकी ने कहा, सवार अधिकांश लोग "भारी सुरक्षा" वाले थे. यूक्रेन में यह 10 घंटे की यात्रा, किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा की गई यात्रा से अलग थी. एक सक्रिय युद्ध क्षेत्र में यात्रा करना, जहां अफगानिस्तान या इराक में राष्ट्रपति के दौरे के विपरीत, अमेरिकी सैनिक सुरक्षा प्रदान करने वाले मौजूद नहीं हैं.

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ट्रेन उगते सूरज के साथ कीव में दाखिल हुई. जब जो बाइडेन ने आखिरी बार यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा किया था, तब वह बराक ओबामा की सरकार में उप राषट्रपति के पद पर तैनात थे. इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनकर कीव पहुंचे तब सुबह 8:07 बजे थे. जो बाइडेन ने यहां पहुंचने पर कहा, "कीव में वापस आना अच्छा है,"

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