कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं ने बीजिंग में चल रही एक अहम मीटिंग के दौरान चीन के अतीत पर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सत्ता की जड़ और भी मजबूत कर दी है. दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले राष्ट्र के निर्विरोध नेता शी बीजिंग में सोमवार से ही सत्तारूढ़ पार्टी के टॉप नेतओं के निर्णायक पूर्ण अधिवेशन का नेतृत्व कर रहे हैं. केंद्रीय समिति के करीब 400 सदस्यों ने "पार्टी के सौ साल के संघर्ष की प्रमुख उपलब्धियों और ऐतिहासिक अनुभव" पर चीन का प्रस्ताव पारित किया. 100 साल के इतिहास में यह तीसरा प्रस्ताव है. इससे पहले दो प्रस्ताव 1945 में माओ जेडॉन्ग और 1981 में डैंग शियाओपिंग के समय पारित किए गए थे.
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न्यूज एजेंसी शिंहुआ के अनुसार यह लंबा घोषणापत्र " पार्टी के इतिहास का सही दृष्टिकोण" देता है और पार्टी ने "हजारों वर्षों के चीनी राष्ट्र के इस इतिहास में सबसे शानदार महाकाव्य लिखा है". शिंहुआ ने लिखा, "पार्टी की केंद्रीय समिति ने पूरी पार्टी, सेना और सभी जातीय समूहों के लोगों से कहा कि वे जिनपिंग और पार्टी के साथ एकजुट हों, ताकि चीनी विशेषताओं के साथ शी जिनपिंग के समाजवाद के नए युग को पूरी तरह से लागू किया जा सके."
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इस साल क्लोस्ड-डोर प्लेनम ने कांग्रेस पार्टी रास्ता साफ कर दिया है, जिसके चलते उम्मीद की जा रही है कि शी को तीसरा कार्यकाल भी सौंपा जा सकता है. इसके बाद चीन में माओ के बाद शी सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में अपनी जगह बना लेंगे. विश्लेषकों का कहना है कि यह प्रस्ताव शी को चीनी राजनीति में अपनी पकड़ और मजबूत करने में मदद करेगा.