बांग्लादेश में हिंदू पुजारी को गलत तरीके से किया अरेस्ट: चिन्मय दास के बचाव में उतरीं शेख हसीना

बांग्लादेश की पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना ने एक वकील की मौत के बारे में भी बात की जो गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई झड़प के दौरान मारा गया था. सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.

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नई दिल्ली:

बांग्लादेश में सरकार के बदलने के बाद से ही हिंदू समुदाय को लगातार निशाना बनया जा रहा है. हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को हाल ही में बांग्लादेश में गिरफ्तार कर लिया गया था. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने कहा कि हिंदू पुजारी को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है. उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.

आवामी लीग की अध्यक्ष ने कहा, "सनातन धर्म के एक शीर्ष नेता को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए. चटगांव में एक मंदिर को जला दिया गया. इससे पहले अहमदिया समुदाय के मस्जिदों, दरगाहों, चर्चों, मठों और घरों पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई, लूटपाट की गई और आग लगा दी गई. सभी समुदायों के लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए."

चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया.

यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई जब मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर बांग्लादेश के हिंदू समुदाय पर अत्याचार करने के कई आरोप लगे हैं.

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया. उनकी जमानत याचिका का खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया.

पूर्व पीएम ने बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "वर्तमान सत्ताधारी दल सभी क्षेत्रों में नाकाम दिख रहे हैं. वे दैनिक जरूरतों की कीमतों को नियंत्रित करने, लोगों के जीवन की सुरक्षा करने में विफल रहे हैं. आम लोगों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हो रहे इन अत्याचारों की कड़ी निंदा करती हूं."

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शेख हसीना ने कहा, "चटगांव में एक वकील की हत्या कर दी गई. इस अपराध में शामिल लोगों को जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए और उन्हें सजा दी जानी चाहिए. इस घटना से मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है. एक वकील अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करने गया था और उसे पीट-पीटकर मार डालने वाले 'आतंकवादी' हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए."

पूर्व पीएम ने कहा, "अगर असंवैधानिक तरीके से सत्ता हथियाने वाली यूनुस सरकार इन आतंकवादियों को दंडित करने में नाकाम रहती है, तो उसे मानवाधिकार उल्लंघन के लिए भी सजा भुगतनी होगी."

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पूर्व पीएम मने कहा, "मैं देश के लोगों से अपील करती हूं कि वे इस तरह के आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ एकजुट हों. आम लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है."

भारत के विदेश मंत्रालय ने भी चिन्मय दास की गिरफ्तारी और जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता जताई है और बांग्लादेश से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.

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विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें पेश करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं.

    बांग्लादेश के स्थानीय लोगों ने इस्कॉन के शिबचर स्थित केंद्र को बंद करा दिया है. मुस्लिम समुदाय के लोग वहां इस मंदिर को बंद कराने पहुंचे थे उस दौरान वहां कई श्रद्धालु मौजूद थे. चिन्मय कृष्ण दास ने 22 नवंबर को बांग्लादेश के रंगपुर में हिंदुओं के समर्थन में एक रैली की थी. माना जा रहा है कि इसी वजह से चिन्मय कृष्ण प्रभु के खिलाफ यह कार्रवाई की गई. 

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