चीन (China) में एक हैकर (Hacker) ने करोड़ों चीनी नागरिकों ( से निजी डेटा चुराने का दावा किया है. यह हैकर अब लोगों के निजी डेटा को ऑनलाइन बेच रहा है. हैकर ने सबूत के तौर पर ऑनलाइन पोस्ट की गई 750,000 एंट्रीज़ में नागरिकों के नाम, मोबाइल फोन नंबर, राष्ट्रीय ID नंबर, पते, जन्मदिन और उनके द्वारा दर्ज की गई पुलिस रिपोर्ट दिखाए हैं. AFP और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने इनमें में कुछ नागरिकों के डेटा की पुष्टि की है लेकिन पूरे डेटाबेस का दायरा निर्धारित करना कठिन है. हैकर का दावा है कि 23-टेराबाइट के इस बड़े डेटाबेस में एक अरब चीनी नागरिकों के रिकॉर्ड शामिल हैं जिसे वो 10 बिटकॉइन (या कहें किलगभग $ 200,000) में बेच रहा है.
साइबर सुरक्षा फर्म इंटरनेट 2.0 के सह-संस्थापक रॉबर्ट पॉटर ने कहा, "ऐसा लगता है कि यह कई स्रोतों से है. कुछ चेहरे की पहचान प्रणाली हैं, अन्य जनगणना डेटा लग रहा है."
उन्होंने कहा, "रिकॉर्ड की कुल संख्या सत्यापित नहीं की जा सकती और मुझे संदेह है कि इसमें एक अरब नागरिकों का डेटा होगा.
चीन एक बड़े स्तर पर राष्ट्रव्यापी निगरानी के लिए अपने नागरिकों का काफी डेटा की चोरी करता है. ऐसा कथित सुरक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाता है. डेटा गोपनीयता के बारे में बढ़ती सार्वजनिक जागरूकता ने हाल के वर्षों में व्यक्तियों और निजी फर्मों को लक्षित डेटा संरक्षण कानूनों को मजबूत किया है, हालांकि नागिरक सरकार को अपना डेटा इकठ्ठा करने से रोकने के लिए लगभग ना के बराबर कुछ कर सकते हैं.
लीक हुए कुछ डेटा एक्सप्रेस डिलीवरी उपयोगकर्ता रिकॉर्ड जैसे लगते हैं, जबकि कुछ एंट्रीज़ एक दशक से अधिक समय में शंघाई में पुलिस को रिपोर्ट की गई घटनाओं का सारांश लगती हैं, जिसमें सबसे ताजा 2019 की हैं.
घटना की रिपोर्ट यातायात दुर्घटनाओं और छोटी चोरी से लेकर बलात्कार और घरेलू हिंसा तक की हैं.
AFP द्वारा डेटाबेस में से संपर्क किए गए एक दर्जन से अधिक लोगों में से कम से कम चार लोगों ने अपने व्यक्तिगत विवरण, जैसे नाम और पते, की पुष्टि की.
हाओ नाम की महिला ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में इतने सारे लोग मेरे वीचैट से जुडे हैं. क्या मुझे इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए?"
लियू नाम की एक अन्य महिला ने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि मेरा व्यक्तिगत डेटा क्यों लीक किया गया"
उपयोगकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि डेटा अलीबाबा क्लाउड सर्वर से हैक किया गया हो सकता है जहां इसे स्पष्ट रूप से शंघाई पुलिस द्वारा संग्रहीत किया जा रहा था.
साइबर सुरक्षा विश्लेषक पॉटर ने पुष्टि की कि फाइलें अलीबाबा क्लाउड से हैक की गई थीं, जिसने टिप्पणी के लिए एएफपी अनुरोध का जवाब नहीं दिया.
अगर यह साबित हो जाता है तो यह हाल ही में स्वीकृत चीनी डेटा सुरक्षा कानूनों का इतिहास में सबसे बड़ा उल्लंघन होगा. चीन के साइबर सुरक्षा प्रशासन ने टिप्पणी का अनुरोध करने वाले फैक्स का जवाब नहीं दिया है.