भारत में स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सरकारी अधिकारी महत्वपूर्ण मीडिया संस्थानों को ''डराने'' में शामिल रहे हैं. मानवाधिकारों को लेकर मंगलवार को जारी अमेरिका की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय (US State Department) द्वारा जारी और कांग्रेस की मंजूरी प्राप्त 'कंट्री रिपोर्ट ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेज 2021' (Country Report on Human Rights Practices 2021) में भारत से संबंधित भाग में कहा गया है,''स्वतंत्र मीडिया सक्रिय है और आम तौर पर विभिन्न प्रकार के विचार व्यक्त करता है.''
रिपोर्ट में कहा गया है, ''पत्रकारों और एनजीओ से ऐसी खबरें मिली हैं कि स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर सरकारी अधिकारी विभिन्न तरीकों से प्रमुख मीडिया संस्थानों को भयभीत करने में शामिल रहे हैं. इनमें मालिकों पर दबाव बनाना, प्रायोजकों को निशाना बनाना, मनगढ़ंत मुकदमे दर्ज करना और कुछ मामलों में मोबाइल टेलीफोन व इंटरनेट जैसी संचार सेवाएं बंद करना आदि शामिल है.''
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रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गैर सरकारी संगठनों ने आरोप लगाया है कि सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को डराने-धमकाने के लिए आपराधिक मुकदमे और जांच का इस्तेमाल किया गया.
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