खतरे में है इंजीनियर्स का भविष्य! क्या बोले AI गॉडफादर योशुआ बेंगियो और सैम ऑल्टमैन?

अब सिर्फ इंजीनियर्स के लिए कोडिंग जानना काफी नहीं होगा. क्रिएटिविटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग पर ध्यान देना होगा. क्योमकि कंपनियां अब भारी-भरकम टीमों के बजाय AI टूल्स की ओर रुख कर रही हैं.

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  • योशुआ बेंगियो ने भविष्यवाणी की है कि 2026 तक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरियों में तेज कमी आ सकती है
  • एआई कोडिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में इतना सक्षम हो जाएगा कि एंट्री-लेवल इंजीनियरिंग नौकरियां प्रभावित होंगी
  • सैम ऑल्टमैन ने एजेंटिक एआई की कमजोरियों और नियंत्रण के अभाव में संभावित जोखिमों पर चेतावनी दी है
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है, उतनी ही बड़ी चेतावनियां भी सामने आ रही हैं. हाल ही में गॉडफादर ऑफ एआई कहे जाने वाले योशुआ बेंगियो और ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने भविष्य को लेकर कुछ ऐसे संकेत दिए हैं, जो टेक जगत में हलचल मचा रहे हैं.

क्या कम हो जाएंगी इंजीनियरिंग की नौकरियां?

AI के जनक माने जाने वाले योशुआ बेंगियो ने एक बड़ी चेतावनी दी है. उनका मानना है कि भविष्य में AI कोडिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के कामों में इतना माहिर हो जाएगा कि एंट्री-लेवल इंजीनियरिंग नौकरियों की संख्या में भारी कमी आ सकती है. बेंगियो के अनुसार, कंपनियों को अब कम मानव श्रम के साथ अधिक काम करने की आदत डालनी होगी.

एआई के जनक योशुआ बेंगियो ने चेतावनी दी है कि 2026 तक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की नौकरियां तेजी से घट सकती हैं. वहीं दूसरी तरफ सैम ऑल्टमैन ने एआई एजेंटों की गंभीर कमजोरियों को उजागर के साथ रिस्क की ओर इशारा किया.

एजेंटिक एआई, सुविधा या सिरदर्द?

वहीं दूसरी ओर, सैम ऑल्टमैन ने एजेंटिक AI को लेकर सावधानी बरतने को कहा है. ये ऐसे AI सिस्टम हैं जो केवल आपके सवालों का जवाब नहीं देते, बल्कि खुद फैसला लेकर काम पूरा कर सकते हैं, जैसे आपके लिए ट्रिप प्लान करना या बैंक ट्रांजेक्शन करना. ऑल्टमैन का कहना है कि अगर इन सिस्टम्स पर सही कंट्रोल नहीं रहा, तो ये आउट ऑफ कंट्रोल हो सकते हैं.सीधे शब्दों में कहें तो प्राइवेसी और सेफ्टी को लेकर बड़े खतरे पैदा हो सकते हैं.

स्किल अपग्रेड जरूरी

अब सिर्फ कोडिंग जानना काफी नहीं होगा. क्रिएटिविटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग पर ध्यान देना होगा. कंपनियां अब भारी-भरकम टीमों के बजाय AI टूल्स की ओर रुख कर रही हैं.

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