रूस के खिलाफ यूक्रेन का स्पाइडर वेब ड्रोन हमला, भारत सीख सकता है ये 5 बातें

यूक्रेन का यह ड्रोन हमला भारत की तरफ से पाकिस्‍तान के खिलाफ की गई कार्रवाई अभियान ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही हफ्तों बाद हुआ है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
कीव:

रविवार को रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी जंग में एक नया मोड़ आया. जिस यूक्रेन के बारे में सब कहते थे कि वह अमेरिका से मिले हथियारों के दम पर जंग लड़ रहा है, उसने 'ऑपरेशन स्पाइडर वेब' के साथ ही सबका मुंह बंद कर दिया. यूक्रेन के ड्रोन ने दुश्‍मन के घर में घुसकर उसके 40 बॉम्‍बर्स जेट्स पूरी तरह से खत्‍म कर दिए है. स्‍काई न्‍यूज की मानें तो यूक्रेन ने इस 'पर्लहार्बर' मोमेंट के साथ ही रूस को दो अरब डॉलर से भी ज्‍यादा की चोट पहुंचाई है. यूक्रेन का यह ड्रोन हमला भारत की तरफ से पाकिस्‍तान के खिलाफ की गई  कार्रवाई अभियान ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही हफ्तों बाद हुआ है. ऐसे में भारत भी इससे पांच बड़े सबक सीख सकता है क्‍योंकि अब जंग का मैदान तेजी से हर पल बदल रहा है. 

ड्रोन वॉर-भविष्‍य की हकीकत 

ड्रोन वॉर आने वाले समय में मिलिट्री संघर्ष का आधार होने वाले हैं. ड्रोन तेजी से मुख्‍य बल बनने की तरफ बढ़ चुके हैं. यूक्रेन का स्पाइडर वेब हमला इस बात का उदाहरण है कि यूएवी या अनमैन्‍ड ड्रोन कोई नई चीज नहीं हैं बल्कि आने वाले समय में युद्धों लड़ने के तरीके का आधार हैं. माना जाने लगा है कि सेना, दुश्मन के इलाके में गहराई तक जा सकती है और जेट को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है. सबसे बड़ी बात है कि एक भी पायलट का जीवन जरा भी खतरे में नहीं आ सकता है. 

ड्रोन सिस्‍टम की तरफ बढ़ना चाहिए

भारत ने अपने लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्‍टर्स और एयरट्रांसपोर्ट में दशकों तक रणनीतिक प्रयास किए हैं. लेकिन स्पाइडर वेब एक महत्वपूर्ण बात की पुष्टि करता है. वायु शक्ति का भविष्य मानवरहित, एआई-ऑपरेटेड और लंबी दूरी का होने वाला है. भारत ने उस दिशा में शुरुआती कदम उठाए हैं, लेकिन अभी तक वह स्‍पीड नहीं पकड़ सका है जिसकी अपेक्षा की गई थीच्‍. यूक्रेन के ऑपरेशन से भारत को स्वदेशी ड्रोन, आर्म्‍ड यूएवी और ऑटोनमी बेस्‍ड हथियार सिस्‍टम पर कहीं ज्‍यादा आक्रामक तरीके से आगे बढ़ना चाहिए. 

Advertisement

डीप-स्ट्राइक ऑपरेशन की प्रेरणा 

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की वायु रक्षा ने शानदार प्रदर्शन किया है. हमारे उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों तक कोई भी नहीं पहुंच पाया है. लेकिन यूक्रेन के ड्रोन हमले अभियान से पता चलता है कि सबसे सुरक्षित, गहराई में बसे दुश्‍मन के प्रतिष्‍ठान भी अप्रत्याशित विरोधी से सुरक्षित नहीं हैं. भारतीय रणनीतिकारों और स्‍पेशल फोर्सेज को इसे समझना चाहिए. 

Advertisement

भारत के ड्रोन ने साबित की क्षमता

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के ड्रोन अभियानों ने पीओके और पाकिस्तान में लक्ष्यों पर सटीक हमले किए. यूक्रेन के अभियान की तुलना में ये अभियान छोटे पैमाने पर थे, लेकिन उन्होंनेऑटोनॉमस मिसाइल-फायरिंग प्लेटफॉर्म की उपयोगिता को साफ-साफ दिखाया. अगला कदम क्षमता को बढ़ाना है. भारत को ऐसे हथियार, एआई-गाइडेड ड्रोन की जरूरत है जो जमीन पर एयरफ्रेम को तलाशकर उन्हें निष्क्रिय कर सकें और ऐसे प्लेटफॉर्म जिनकी स्ट्राइक रेंज ज्‍यादा हो. 

Advertisement

ड्रोन इकोसिस्टम को मिलेगा बढ़ावा

यूक्रेनी ड्रोन हमला भारत के नए मिशन, प्लेटफॉर्म और रणनीति के बारे में सोचने के तरीके को प्रभावित करेगा. स्‍वार्म ड्रोन, सुसाइड ड्रोन, स्टील्थ यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध पेलोड और ऑटोनॉमस डीप स्ट्राइक सिस्टम में रुचि और निवेश में वृद्धि की उम्मीद है. माना जा रहा है कि भारत में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र इस तेजी से आगे बढ़ेंगे. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
RCB Victory Parade Stampede: आम आदमी की जान सस्ती क्यों है? | NDTV Election Cafe