60 से अधिक भारतीय श्रमिकों का पहला जत्था इजराइल रवाना

उन्होंने कहा कि श्रमिक सरकार-से-सरकार समझौते के ढांचे के तहत इजराइल जा रहे हैं और इस पहल के लिए भारत के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की सराहना की.

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नई दिल्ली:

 इजराइल में काम करने के लिए 60 से अधिक भारतीय निर्माण श्रमिकों का पहला जत्था रवाना हो रहा है. भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इजराइली राजनयिक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में उम्मीद जताई कि श्रमिक दोनों देशों के लोगों के बीच महान संबंधों के ‘दूत' बनेंगे.

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उन्होंने कहा कि श्रमिक सरकार-से-सरकार समझौते के ढांचे के तहत इजराइल जा रहे हैं और इस पहल के लिए भारत के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की सराहना की.

गिलोन ने कहा, ‘‘आज सरकार से सरकार के बीच समझौते के तहत इजराइल जाने वाले 60 से अधिक भारतीय निर्माण श्रमिकों के पहले जत्थे को रवाना करने के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया. यह भारत के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) सहित कई लोगों की कड़ी मेहनत का परिणाम है.''

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि श्रमिक भारत और इजराइल के बीच महान जनता से जनता के संबंधों के ‘दूत' बनेंगे.''

इजराइल में भारतीय श्रमिकों के रोजगार को लेकर किसी भी सरकार-से-सरकार समझौते के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.

इजराइल-हमास संघर्ष के बाद मीडिया में खबरें आई थीं कि इजराइली निर्माण उद्योग पिछले महीने 90,000 फलस्तीनियों के स्थान पर 100,000 भारतीय श्रमिकों की भर्ती करने पर विचार कर रहा है.

भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह कथित तौर पर हिजबुल्लाह द्वारा किए गए मिसाइल हमले में एक भारतीय की मौत के मद्देनजर इजराइल में अपने सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने आठ मार्च को कहा था, ‘‘इजरायल में हमारे 18,000 से अधिक देखभालकर्ता और अन्य पेशेवर हैं. उनकी सुरक्षा हमारे लिए प्रमुख चिंता का विषय है.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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