- पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अफगानिस्तान बॉर्डर पर तनाव कम करने में मदद की अपील की है.
- पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्रंप की शांति वार्ता की पहल की प्रशंसा करते हुए मध्यस्थता का निमंत्रण दिया.
- डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष में हस्तक्षेप कर युद्ध को सुलझाने की इच्छा जताई है.
अफगानिस्तान बॉर्डर पर तालिबान के साथ पाकिस्तान का सीजफायर जारी है लेकिन यह काफी नाजुक दौर में है. कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता. इसी बीच पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सीमा पर तनाव कम करने में मदद करने का अनुरोध किया है. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की तरफ से अमेरिका से अपील की गई है. यह अपील ऐसे समय में की गई है जब हफ्ते भर तक पाक आफगान बॉर्डर पर हिंसक झड़पें और पाकिस्तान की तरफ से काबुल और कंधार पर हवाई हमले शामिल थे. इन झड़पों में कई लोगों की मौत हुई है.
शांति वार्ता वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति
पाकिस्तान के न्यूज चैनल जियो टीवी के साथ एक इंटरव्यू में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्रंप की तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी. साथ ही उन्होंने ट्रंप को मध्यस्थता के लिए आमंत्रित किया. ख्वाजा आसिफ ने कहा, 'मुझे लगता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति युद्धों के लिए जिम्मेदार रहे हैं. यह पहले राष्ट्रपति (ट्रंप) हैं जिन्होंने युद्ध रोके हैं. पिछले 15-20 सालो में अमेरिका ने युद्धों को बढ़ावा दिया और वह (ट्रंप) पहले राष्ट्रपति हैं जिन्होंने शांति वार्ता की. अगर वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान युद्ध में मध्यस्थता करना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है.'
ट्रंप बोले, मैं युद्ध सुलझाने में अच्छा हूं
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद पिछले हफ्ते इशारा किया था कि वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष में शांति लाने के लिए हस्तक्षेप कर सकते हैं. गाजा शांति शिखर सम्मेलन के दौरान इजिप्ट में ट्रंप ने कहा, 'मैं सुन रहा हूं कि अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध चल रहा है. मैंने कहा, मुझे वापस लौटकर देखना होगा,मैं अभी एक और युद्ध निपटा रहा हूं क्योंकि मैं युद्ध सुलझाने में अच्छा हूं.'
भारत को ठहराया जिम्मेदार
दरअसल ट्रंप से अपील के पीछे पाकिस्तान की तालिबान के साथ संघर्ष विराम की स्थिरता को लेकर शंका है. वहीं एक और अजीब बयान में, ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि तालिबान सरकार 'भारत की ओर से प्रॉक्सी युद्ध लड़ रही है'. उन्होंने कहा, 'मुझे शक है कि यह संघर्ष विराम टिकेगा या नहीं क्योंकि (अफगान) तालिबान के फैसलों को दिल्ली का समर्थन मिल रहा है. अभी काबुल, दिल्ली के लिए प्रॉक्सी युद्ध लड़ रहा है.' पाकिस्तानी मंत्री ने आगे कहा, 'मुत्ताकी (तालिबान विदेश मंत्री) एक हफ्ते की भारत यात्रा के बाद वापस लौटे हैं. यह देखना बाकी है कि वह अब अपने साथ कौन सी योजना लेकर आए हैं.'
बॉर्डर पर हिंसक झड़पें
पिछले हफ्ते पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सेनाओं के बीच सीमा पर जोरदार झड़पें हुईं, जब पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर हमला किया. पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान TTP को शरण दे रहा है. उसने 2021 से अब तक सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों की हत्या की है. तालिबान का दावा है कि उसने 58 पाकिस्तानी सैनिक मार दिए, जबकि इस्लामाबाद का कहना है कि उसने 200 'तालिबान और उससे जुड़े आतंकवादियों" को बेअसर किया.