अब तक यही कहा जा रहा था कि 20 साल पहले 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (World Trade Centre) पर हुए आतंकी हमले (9/11 Attack) के पीछे सिर्फ ओसामा बिन लादेन और उसके आतंकी संगठन अलकायदा (Al Qaeda) का हाथ था लेकिन अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने दस्तावेज से इस बात के संकेत मिले हैं कि तब हमले के लिए चार विमान अगवा करने वालों से सऊदी अरब के संबंध थे. इस बारे में गोपनीय दस्तावेज को जो बाइडेन प्रशासन ने शनिवार को सार्वजनिक कर दिया. हालांकि, उसमें पुख्ता सबूतों का अभाव है.
4 अप्रैल, 2016 के गोपनीय दस्तावेज में उमर बयूमी (उस समय एक छात्र था लेकिन उसके सऊदी खुफिया ऑपरेटिव होने का संदेह था) और अलकायदा के उन दो गुर्गों के बीच संबंध दिखाया गया है, जिसने चार विमानों का अपहरण करने की साजिश रची थी ताकि न्यूयॉर्क और वाशिंगटन में लक्षित ठिकानों पर उसे क्रैश कराया जा सके.
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दस्तावेज में 2009 और 2015 के एक स्रोत (जिसकी पहचान गोपनीय रखी गई है) के साथ साक्षात्कार के आधार पर यह तथ्य पेश किया गया है कि बयूमी और दो अपहर्ताओं- नवाफ अल हाज़मी और खालिद अल मिधर- के बीच संपर्क हुए थे और इनके बीच कई बैठकें हुई थीं. दस्तावेज में कहा गया है कि दोनों के साल 2000 में दक्षिणी कैलिफोर्निया में आने के बाद ही ये हमले हुए थे.
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दस्तावेज के तथ्य लॉस एंजिल्स के किंग फाद मस्जिद के रूढ़िवादी इमाम फहद अल थुमैरी और वहां सऊदी वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी के बीच पहले से ही संबंधों को भी उजागर करता है और संदह को मजबूत करता है. इन गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक तरने का जो बाइडेन प्रशासन पर भारी दबाव था. लिहाजा, FBI ने 9/11 आतंकी हमलों की 20वीं बरसी पर इसे जारी किया.