Facebook की पेरेंट कंपनी Meta को Stock Market में रिकॉर्ड नुकसान, ये हैं 5 बड़ी वजहें

मेटा (Meta) का मार्केट एक दिन में गुरवार को 24% डूब गया. मेटा को $200 बिलियन का नुकसान हो सकता है.इसे ऐसे समझा जा सकता है कि मेटा को इतना बड़ा नुकसान हो सकता है जो S&P के 500 मेंबर्स में से 470 की मार्केट वैल्यू के बराबर है. 

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फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा को मार्केट में हुआ सबसे बड़ा नुकसान

फेसबुक (Facebook) की परेंट कंपनी मेटा (Meta) के शेयर्स बेचने के लिए  निवेशकों में गुरुवार को भगदड़ मच गई. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मेटा का मार्केट अमेरिकी बाजार में एक दिन में गुरवार को 24% डूब गया. इसका बड़ा कारण मेटा की खराब आमदनी रहा. मेटा को $200 बिलियन का नुकसान हो सकता है.इसे ऐसे समझा जा सकता है कि मेटा को इतना बड़ा नुकसान हो सकता है जो मार्केट इंडेक्स स्टैंडर्ड एंड पूअर (Standard and Poor's 500) के 500 मेंबर्स में से 470 की मार्केट वैल्यू के बराबर है. 

 मेटा प्लेटफॉर्म का यह एक दिन का क्रैश  स्टॉक मार्केट के बाजार में एक दिन में सबसे बड़ा नुकसान कहा जा सकता है. फेसबुक इंटरनेट के भविष्य के लिए जहां मेटावर्स (Metaverse) तैयार करने की योजना बना रही है लेकिन उसके बावजूद निवेशकों ने मेटा से पैसा निकाला. इससे पहले कई जुर्मानों और नियामकों की तरफ से मिलने वाली धमकियों, गलत सूचना और हैरासमेंट के मामलों के बाद भी इस बड़ी टेक कंपनी में निवेशक पैसा लगा रहे थे. सोशल मीडिया की बड़ी कंपनी फेसबुक से निवेशकों का विश्वास डगमगाने के ये हैं बड़े कारण:- 

1. TikTok और टेलीग्राम 

पिछले साल के आखिर से ही उपर जाता हुआ फेसबुक की तरक्की का ग्राफ नीचे आने लगा. फेसबुक के यूजर्स की संख्या में कमी आने लगी. 
मेटा के एक्ज़ीक्यूटिव्स ने बढ़ती हुई प्रतियोगिता के खिलाफ चेतावनी दी, खास तौर से वीडियो एप टिकटॉक और टेलीग्राम और स्लैक जैसी मेसेजिंग सर्विस के कारण 

मेटा ने अपने रील्स वाले शॉर्ट फॉर्म वीडियो फीचर को प्राथमिकता देते हुए इसमें निवेश किया और अपने यूजर्स को ध्यान में रखते हुए व्हॉट्सएप और इंस्टाग्राम पर भी ध्यान दिया. इसका मतलब यह कि मेटा ने उन सर्विसेज पर ध्यान दिया जिनसे पैसा बनाना मुश्किल था, फेसबुक सोशल नेटवर्क के डिजिटल एड मशीन की तुलना में.  
 

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2. Apple से पड़ी मार 

मेटा के एक्जीक्यूटिक्व ने एनलिस्ट को बताया कि फेसबुक की एड टार्गेटिंग क्षमता आईफोन में एपल के एक बदलाव के कारण कम हो गई है.  
उस अपडेट में, एपल ने आईओएस ने डेटा कलेक्शन ने पहले किसी एप के लिए परमिशन मांगना ज़रूरी बना दिया था. लेकिन मेटा जैसी कंपनियां अपनी एड टार्गेटिंग के लिए ऐसी तकनीक पर ही निर्भर करती हैं. 

मेटा चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर डेविड वेहनर ने कहा, "हमारा मानना है कि iOS के बदलाव का  2022 में हमारी कंपनी के $10 बिलियन के व्यापार पर असर पड़ेगा."

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3. कोरोना का असर 

मेटा पर बड़े मार्केट का भी असर पड़ा. सप्लाई चेन की परेशानियों, कामगारों की किल्लतों और महामारी की परेशानियों के कारण व्यापारों ने अपने बजट छोटे किए. और इसकी वजह से फेसबुक एड पर असर पड़ा. 

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4. Metaverse पर बड़ा दांव 

मेटा के चीफ एक्ज़ीक्यूटिव मार्क ज़ुकरबर्ग मेटावर्स को इंटरनेट पर जीवन के भविष्य के तौर पर दिखाते हैं. उसी वजह से कंपनी से अपना नाम बदल कर मेटा रख लिया. लेकिन मेटावर्स को बनने में कई साल लगेंगे और इसमें कई बिलियन का खर्च होगा. लेकिन मार्केट में जल्द फायद ढूंढ़ने वाले निवेशक इतना इंतजार करने को तैयार नहीं है. 

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मेटा की तरफ से जारी रिलीज़ में बताया गया था कि मेटा के लिए काम करने वाली रियलिटी लैब यूनिट जो वास्तविक और वर्चुअल वर्ल्ड को मिलाने का काम कर रही थी उसे पिछले साल 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ. 

5. रेगुलेटर्स की कड़ी निगरानी 

मेटा एक ट्रांसफॉर्मेशन मोड में जाना चाहता है जहां वो युवाओं में प्रचलित टिकटॉक के साथ प्रतियोगिता कर सके. लेकिन अमेरिका और दुनिया में कई जगह रेगुलेटर्स इसकी क्षमताओं पर लगाम लगाना चाहते हैं.  अमेरिका में एक जज ने जनवरी में फैसला दिया कि अमेरिका में फेसबुक के खिलाफ एकछत्र अधिकार से प्रतियोगिता को नुकसान पहुंचाने के मामले में दोबारा सुनवाई की जा सकती है. 
यह मामला कई सालों तक अदालत में बिना किसी फैसले के टल सकता है. इसमें व्हॉटसएप और इंस्टाग्राम को बेचने की मांग हो सकती है ताकि प्रतियोगिता दोबारा शुरू हो सके. 
 

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