इस वक्त भारत के ज्यादातर इलाकों में जबरदस्त गर्मी पड़ रही है. ऊपर से लू के गर्म थपेड़ों ने आदमी का जीना और मुहाल कर दिया है. भारत में इस सीजन की गर्मी ने इस बार कहीं 60 साल का रेकॉर्ड तोड़ा तो कहीं 100 सालों का. दिन तो छोड़िए अब तो हालत ये है कि रात में भी गर्मी से राहत नहीं. अब तो न्यूनतम तापमान भी लगातार बढ़ रहा है. लेकिन सिर्फ भारत में ही इतनी गर्मी नहीं पड़ रही है. दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां भारत से ज्यादा गर्मी पड़ रही है. अब सोचिए जिस गर्मी में भारत के लोगों के लोगों की हालत खराब हो चुकी है. वहीं जिन देशों में भारत से ज्यादा गर्मी पड़ रही है, वहां लोग किस हाल में जी रहे होंगे.
एक तरफ सऊदी में भीषण गर्मियों से 1000 ज्यादा हज यात्रियों की मौत हो चुकी है. वहीं मेक्सिको में भी गर्मी ने कहर ढा रखा है. मेक्सिको में 125 से लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया के कई हिस्सों में इस समय औसत से ज़्यादा तापमान दर्ज किया जा रहा है, मौसम एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ग्लोबल वार्मिंग का नतीजा है. जिस तरह की भयंकर गर्मी दुनिया के कई इलाकों में पड़ रही है, वो कुछ लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. 2003 में यूरोपीय हीटवेव में 30,000 लोग मारे गए थे. लंबे समय तक ऐसे उच्च तापमान से जंगली में आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी और पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्वी यूरोप सहित दुनिया के कई हिस्सों में इस समय तापमान बढ़ रहा है.
सऊदी अरब में भयंकर गर्मी का कहर
सऊदी अरब में इस बार भयंकर गर्मी पड़ रही है और इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी है यहां पहुंचने वाले हजारों हज यात्रियों पर. अब तक भीषण गर्मी के प्रकोप के बीच मक्का में तकरीबन 1000 हज यात्रियों की मौत हो चुकी है. पवित्र शहर मक्का में तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. गर्मी के सितम के बीच न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक एक अरब राजनयिक ने कहा कि अकेले मिस्र के ही कम से कम 600 लोगों की मौत हो गई. एक दिन पहले यह संख्या 300 के आसपास ही थी. लेकिन अलग-अलग देशों की ओर से जारी आंकड़ों को देखते हुए एएफपी ने कहा कि अब तक 900 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. पिछले महीने प्रकाशित एक सऊदी रिसर्च के अनुसार, जिस क्षेत्र में अनुष्ठान किए जाते हैं, वहां का तापमान हर दशक में 0.4 डिग्री सेल्सियस (0.72 डिग्री फ़ारेनहाइट) बढ़ रहा है.
मेक्सिको में भीषण गर्मी बनी काल
इस बार मेक्सिको में पड़ रही भीषण गर्मी इंसान और बंदरों के लिए काल बनकर आई है. पिछले दिनों में मेक्सिको में गर्मी के कारण कम से कम 138 बंदरों की मौत की खबर सामने आई थी. वहीं अब मेक्सिको में 125 लोगों की मौत की खबर आ रही है. मेक्सिको की गर्मी इंसान और जानवरों दोनों के लिए ही परेशानी का सबब बनी हुई है. इन दिनों दिन के समय तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार चला जा रहा है. ऐसी भीषण गर्मी में बंदरों को बचाने में स्थानीय लोग बड़े पैमाने पर संघर्ष कर रहे हैं.
ग्रीस में गर्मी का सितम
सऊदी अरब और मेक्सिको के अलावा इस वक्त ग्रीस में गर्मी ने भी लोगों का बुरा हाल कर रखा है. यहां भी गर्मी के प्रकोप के चलते कई मौतें हुई हैं. यहां की ग्रीस की खूबसूरती का लुत्फ उठाने पहुंचे टूरिस्ट भी गर्मी के प्रकोप से बच नहीं पाए. भीषण गर्मी शुरू होने के बाद से यहां कई टूरिस्टों की मौत हो चुकी है. ग्रीक अधिकारियों ने हाल के दिनों में एथेंस में एक्रोपोलिस को बंद करने का फैसला किया है, जबकि एहतियात के तौर पर स्कूल बंद कर दिए गए हैं. लेसवोस द्वीप पर लगी जंगल की आग को बुझाने के लिए अग्निशमन दल भी जुटे हुए हैं.
ग्रीस में ज्यादा गर्मी पड़ना कोई नहीं बात नहीं है लेकिन इस बार यहां के हालात कुछ और ही है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि उत्तरी अफ्रीका से आने वाली हवाओं की वजह से ग्रीस का तापमान बढ़ता जा रहा है. आने वाले दिनों में यहां के शहरों की स्थिति और खराब हो सकती है. तापमान रिकॉर्ड 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के कारण स्कूलों और पर्यटन स्थलों तक को बंद करना पड़ा है. स्थानीय लोगों और टूरिस्ट के लिए चेतावनी दी गई है कि वो बढ़ते तापमान से निपटने के लिए तैयार रहें.
अमेरिका में सूरज ने बुरी तरह झुलसाया
अमेरिका में भी इस बार भीषण गर्मी पड़ रही है. जानकारी के मुताबिक इससे पहले अमेरिका में 1936 में भयंकर गर्मी पड़ी थी. तब अमेरिका के इलिनोइस में तापमान 37.7 डिग्री और नार्थ डकोटा में 48.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था और जिससे करीब 5,000 लोगों की मौत हो गई थी. फीनिक्स में तो तापमान 44. डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है. शिकागो समेत कई शहरों में गर्मी के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. शिकागो ने 36.1 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ 1957 का रिकॉर्ड तोड़ दिया. शिकागो में गर्म और उमस भरे मौसम के अभी और जारी रहने का अनुमान है. अमेरिका में हीट इंडेक्स का लेवल भी ऊपर जा रहा है, जिसने लोगों की मुसीबतों को और बढ़ा दिया है.