- डोनाल्ड ट्रंप वॉशिंगटन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से मुलाकात करेंगे.
- जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के नेता ट्रंप और जेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस में बैठक के लिए अमेरिका जाएंगे.
- यूरोपियन नेताओं ने अमेरिका से आधिकारिक निमंत्रण न मिलने के कारण बैठक में शामिल होने से इनकार किया था.
शुक्रवार को अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बाद अब सोमवार को वॉशिंगटन में एक अहम मीटिंग होनी है. व्हाइट हाउस में होने वाली इस मीटिंग में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और ट्रंप के अलावा यूरोपियन देशों के कई नेता मौजूद रहेंगे. फ्रांस 24 की तरफ से आई एक रिपोर्ट के अनुसार पहले जर्मनी, फ्रांस और यूके के नेताओं ने व्हाइट हाउस से दूरी बनाने का मन बनाया था लेकिन अब ये नेता व्हाइट हाउस में होने वाली मीटिंग के अमेरिका जाएंगे.
जेलेंस्की को मिलेगा साथ
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच होने वाली मीटिंग के लिए मौजूद रहेंगे. यूरोपियन कमीशन की मुखिया उर्सला वॉन डेर लेयेन ने जेंलेंस्की से मुलाकात के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेस में इस बात की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि स्टार्मर और यूरोपियन नेता ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस बैठक में जेंलेंस्की के साथ शामिल होंगे.
क्या होता है प्रोटोकॉल
जर्मनी के डेली बिल्ड के अनुसार, रूस की न्यूज एजेंसी तास की रिपोर्ट के अनुसार, मर्ज, स्टारमर और मैक्रों की सरकारों ने रविवार को एक साथ यह फैसला लिया है कि वो अमेरिका जा रहे हैं. पहले इन नेताओं को अमेरिका की तरफ से कोई आधिकारिक इनवाइट नहीं मिला था और इस वजह से इन्होंने मीटिंग से दूरी बनाने का फैसला किया था. बिल्ड के अनुसार, इस तरह के फैसले के लिए अमेरिका की ओर से आधिकारिक निमंत्रण की जरूरत होती है. अखबार के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप ने जेलेंस्की को यूरोपियन नेताओं को अमेरिका आमंत्रित करने का प्रस्ताव दिया था. बिल्ड के मुताबिक यूरोपियन नेता सिर्फ प्रचार के लिए होने वाली इस मीटिंग से बचना चाहते थे.
क्या पुतिन का प्रपोजल मानेंगे जेलेंस्की
वहीं अमेरिका एक अखबार ने एलिसी पैलेस के हवाले से बताया था कि 'इच्छुक गठबंधन' रविवार को वीडियो लिंक के जरिए एक मीटिंग आयोजित कर सकता है. एक और अमेरिकी अखबार ने पहले सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि पुतिन के साथ अपनी मीटिंग के बाद अमेरिकी नेता ने यूरोपीय नेताओं के साथ एक फोन कॉल में एक शांति समझौते पर बातचीत का प्रस्ताव रखा था. इसके तहत यूक्रेन डोनबास क्षेत्र के बाकी हिस्से को रूस को सौंप देगा, जिसमें रूसी सैनिकों द्वारा मुक्त नहीं किए गए क्षेत्र भी शामिल हैं. हालांकि वॉन डेर लेयेन ने कहा है कि सिर्फ यूक्रेन ही इस बात का फैसला करेगा कि शांति समझौता कैसा होना चाहिए.