- यूरोप में दस दिनों की हीटवेव के दौरान 12 शहरों में लगभग दो हजार तीन सौ लोगों की गर्मी से संबंधित मौतें हुईं.
- अध्ययन में बार्सिलोना, मैड्रिड, लंदन और मिलान जैसे 12 शहर शामिल थे, जहां तापमान में जलवायु परिवर्तन के कारण चार डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि हुई.
- यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस जलवायु सेवा ने जून 2025 को अब तक का सबसे गर्म जून महीना बताया, जिसमें कई क्षेत्रों में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा.
European heatwave: यूरोप में गर्मी ने तबाही मचा रखी है. बुधवार, 9 जुलाई को छपी एक वैज्ञानिक विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार, 10 दिनों की लू (हीटवेव) के दौरान यूरोप के 12 शहरों में गर्मी से जुड़े कारणों की वजह से लगभग 2,300 लोगों की मौत हो गई है. इस स्टडी में 2 जुलाई को समाप्त हुए 10 दिनों के लू वाले दिनों को टारगेट किया गया है, जिसके दौरान पश्चिमी यूरोप के बड़े हिस्से अत्यधिक गर्मी की चपेट में थे. स्पेन में जहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था वहीं फ्रांस में जंगल की आग लग गई थी.
इंपीरियल कॉलेज लंदन और लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के वैज्ञानिकों द्वारा की गई स्टडी के अनुसार, इन 10 दिनों के दौरान अनुमानित 2,300 लोगों की मौत में से 1,500 मौतें जलवायु परिवर्तन से जुड़ी थीं. जलवायु परिवर्तन ने हीटवेव को और अधिक गंभीर बना दिया.
इंपीरियल कॉलेज लंदन के रिसर्चर डॉ. बेन क्लार्क ने कहा, "जलवायु परिवर्तन ने (हीटवेल को) इसे पहले की तुलना में काफी अधिक गर्म कर दिया है. यह स्थिति को अधिक खतरनाक बना देता है."
रिसर्चर्स ने मरने वालों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए स्थापित महामारी विज्ञान मॉडल और ऐतिहासिक मृत्यु दर डेटा का उपयोग किया. यह उन मौतों को दर्शाता है जहां गर्मी मृत्यु दर में शामिल कारण थी. इसमें यह भी शामिल है कि क्या जोखिम ने पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियों को बढ़ा दिया था.
यूरोपीय संघ की कॉपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने बुधवार को एक मासिक बुलेटिन में कहा कि पिछले महीने घरती का तीसरा सबसे गर्म जून का महिना दर्ज किया गया. इससे गर्म जून 2024 और 2023 में दर्ज किया गया था.
कोपर्निकस ने कहा कि पश्चिमी यूरोप में अभी बिता जून का महीना (जुन 2025) अब तक का सबसे गर्म रिकॉर्ड किया गया जून का महीना रहा रहा. अधिकांश क्षेत्र में "बहुत तेज गर्मी" का अनुभव हुआ - जो कि 38 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक के तापमान जैसी स्थितियों से पता चलता है.
जलवायु के लिए कोपरनिकस की रणनीतिक प्रमुख सामन्था बर्गेस ने कहा, "गर्म होती दुनिया में, गर्मी की लहरें (लू) बार-बार चलने, अधिक तीव्र होने और पूरे यूरोप में अधिक लोगों को प्रभावित करने की संभावना है."
वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का निर्माण - जो ज्यादातर जीवाश्म ईंधन के जलने से होता है - का मतलब है कि समय के साथ ग्रह का औसत तापमान बढ़ गया है. आधार तापमान में इस वृद्धि का मतलब है कि जब लू चलती है, तो तापमान ऊंचे शिखर तक पहुंच सकता है.