इलॉन मस्क (Elon Musk) की मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) की अब जानवरों पर अत्याचार के मामले में जांच हो रही है. पशु-कल्याण के मामले में कंपनी के स्टाफ की तरफ से ही शिकायतें मिलीं थीं, कि जानवरों पर टेस्टिंग का गति बढ़ाने का दबाव डाला जा रहा है, जिससे जानवरों को बेवजह पीड़ा हो रही है और उनकी मौत हो रही है. रॉयटर्स को मिले दस्तावेज़ों के अनुसार, और कंपनी के ऑपरेशन से जुड़े सूत्रों के अनुसार यह जानकारी सामने आई है.
न्यूरालिंक एक ऐसा दिमाग में लगने वाला इम्प्लांट बना रही है जिससे पैरलाइज़ हो चुके लोगों को दोबारा चलने में मदद मिलने की उम्मीद है. साथ ही इससे अन्य न्यूरोलॉजिकल कमियां भी दूर हो सकेंगी. इस जांच से जुड़े दो सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर जनरल ने इसे एक सरकारी वकील के आग्रह पर शुरू किया है. एक सूत्र ने बताया यह जांच एनिमल वेलफेयर एक्ट (Animal Welfare Act) का उल्लंघन करती है जो यह तय करता है कि शोधकर्ता कुछ जानवरों के साथ कैसे व्यवहार करेंगे और कैसे उनपर टेस्ट किए जाएंगे.
यह जांच ऐसे समय की जा रही है जब न्यूरालिंक में एनिमल टेस्टिंग के खिलाफ कर्मचारियों के मतभेद बढ़ते जा रहे हैं. कंपनी की तरफ से शिकायतें मिलीं हैं कि सीईओ मस्क की तरफ से एक्सपेरिमेंट में तेजी का दबाव डाले जाने के कारण, एक्सपेरिमेंट खराब हुए हैं. न्यूरालिंक के डॉक्यूमेंट और कंपनी के कम से कम 20 मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों के इंटरव्यू में रॉयटर्स के सामने यह जानकारी आई.
ऐसे फेल हुए टेस्ट, बार-बार करने पड़ते हैं, जिससे टेस्ट किए जा रहे जानवरों की मौत की संख्या बढ़ती है. कंपनी के डॉक्यूमेंट्स में पिछले बिना रिपोर्ट किए गए संदेश, ऑडियो रिकॉर्डिंग, ईमेल,प्रेजेंटेशन्स और रिपोर्ट्स हैं.
इलॉन मस्क और न्यूरालिंक के अधिकारियों की ओर से इस बारे में सवाल पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं आया है. एक USDA इंस्पेक्टर जनरल ने भी टिप्पणी से मना कर दिया. अमेरिकी नियम यह साफ नहीं करते कि रिसर्च में कंपनियां कितने जानवरों पर प्रयोग कर सकती हैं, इसे वैज्ञानिकों पर छोड़ा जाता है कि कब और कितने जानवरों पर प्रयोग होगा. रेगुलेटर की फाइलिंग दिखाती हैं कि न्यूरालिंक ने अब तक अपनी फेसिलिटीज़ के सभी USDA इंस्पेक्शन पास किए हैं.
रॉयटर्स की तरफ से देखे गए कंपनी के रिकॉर्ड्स के अनुसार, कुल मिलाकर कंपनी ने 2018 के बाद शुरू हुए प्रयोगों में करीब 15,00 जानवरों की जान गई है, जिसमें 280 से अधिक भेड़ें, सूअर और बंदर शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, यह मोटे-मोटे आंकड़े हैं क्योंकि कंपनी प्रयोग किए जाने वाले और प्रयोगों के दौरान मारे जाने वाले जानवरों की सही संख्या का रिकॉर्ड नहीं रखती है. न्यूरालिंक अपने प्रयोगों में चूहों का भी प्रयोग करती है.