पाकिस्तान के नागरिक तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से पहले से ही परेशान हैं, अब पाकिस्तान सरकार ने उन्हें एक और झटका दिया है. राष्ट्रीय विद्युत शक्ति नियामक प्राधिकरण (NEPRA) ने मंगलवार को बिजली की दरों में 3.99 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, घंटों लोड शेडिंग के बावजूद यह कदम उठाया गया है, जबकि बिजली की कमी 7,000 मेगावाट से अधिक हो गई.
ईंधन लागत समायोजन (FCA) के कारण जून 2022 के बिल के साथ बिजली दरों में वृद्धि का शुल्क लिया जाएगा. NEPRA ने कहा कि FCA केवल एक महीने के लिए लागू रहेगा. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में जारी एक अधिसूचना के अनुसार, अप्रैल 2022 के लिए एफसीए से जून 2022 के बिल का शुल्क लिया जाएगा, लाइफलाइन और के-इलेक्ट्रिक उपभोक्ताओं को छोड़कर इसका भुगतान वितरण कंपनियों की सभी उपभोक्ता श्रेणियों द्वारा किया जाएगा.
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3.99 रुपये की वृद्धि से उपभोक्ताओं पर लगभग 58.5 अरब रुपये का बोझ पड़ेगा, जिसमें 17 प्रतिशत जीएसटी भी शामिल है. गौरतलब है कि सेंट्रल पावर परचेजिंग एजेंसी-गारंटी लिमिटेड (CPPA-G) ने अप्रैल 2022 के महीने के लिए 4.5 रुपये प्रति यूनिट के FCA का अनुरोध किया था.
नियामक ने 31 मई को सुनवाई की थी, जिसके बाद प्राधिकरण ने 3.99 रुपये प्रति यूनिट बिजली शुल्क वृद्धि को मंजूरी दी, जो मार्च के एफसीए से 1.13 रुपये अधिक है. इस बीच, देश में बिजली की मांग 28,200 मेगावाट तक बढ़ गई है, जबकि बिजली की आपूर्ति 21,200 मेगावाट है, बिजली की कमी 7,000 मेगावाट से अधिक हो गई है.
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सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, कई संयंत्र तेल, गैस और कोयले की कमी के कारण बंद कर दिए गए हैं. बढ़ती हुई कमी के कारण, देश के कई हिस्से गर्म मौसम के बीच रोजाना 10 से 12 घंटे लोड शेडिंग का सामना कर रहे हैं.
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