दुबई (Dubai) में दशहरे ( Dussehra) के मौके पर एक बेहद भव्य और बड़े हिंदू मंदिर (Hindu Temple) का उद्घाटन हुआ है. यह मंदिर भारतीय और अरबी स्थापत्य कला के मिश्रण से बनाया गया है. यह मंदिर दुबई के जाबेल अली (Jebel Ali Village) इलाके में है. इसकी इमारत सहनशीलता, शांति और भाईचारे का मज़बूत संदेश देती है. दुबई का 'आराधना गांव'('worship village') कहे जाने वाले इलाके में बने इस मंदिर ने पूरे संयुक्त अरब अमीरात के श्रद्धालुओं के लिए आज द्वार खोल दिये हैं.
दुबई के सहनशीलता और सहअस्तित्व मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान और राजदूत संजयसुधीर ने एक साथ इस मंदिर का उद्घाटन किया.
इस अवसर पर दुबई में भारत के राजदूत संयज सुधीर ने 3.5 मिलियन भारतीय मूल के लोगों की ओर से यूएई सरकार का आभार जताया.
आधारना गांव जाबेल अली में अब 9 धार्मिक स्थल हैं. इसमें 7 चर्च हैं, गुरु नानक का दरबार सिख गुरुद्वारा है और नया हिंदू मंदिर है. इस मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर शेख नाहयान, राजदूत सुधीर, कम्युनिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी के लिए सोशल रेगुलेट्री और लाइसेंसिंग एजेंसी के सीईओ, डॉ ओमर अल मुथन्ना और दुबई के हिंदू मंदिर के ट्रस्टी राजू श्रॉफ मौजूद रहे.
कम्युनिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी के डायरेक्टर जनरल अहमद अब्दुल करीम जुल्फार भी इस अवसर पर मौजूद थे. मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर कई दूतावासों के प्रमुख, कई धर्मों के धार्मिक नेता, व्यापारी और भारतीय समुदाय के सदस्यों समेत 200 से अधिक विशिष्ट लोग शामिल हुए.
भारतीय राजदूत सुधीर ने बताया कि दुबई में हिंदू मंदिर खुलना भारतीय समुदाय के लिए अच्छी खबर है. यह उस गुरुद्वारे के पास है जिसे 2012 में खोला गया था.उन्होंने कहा, "हम दुबई सरकार की दरियादिली के लिए धन्यवाद देते हैं जिन्होंने मंदिर के लिए यह ज़मीन दी और इसके निर्माण में भी सहयोग दिया."
दुबई में 70,000 स्वायर फुट के मंदिर के निर्माण की घोषणा 2020 में की गई थी, लेकिन फिर कोविड महामारी ने आ घेरा. दुबई के मंदिर में हाथ से बारीक कारीगरी की गई है. यहां कीमती पत्थर के खंबे लगाए गए हैं. यह भारतीय और अरबी स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है.
उद्घाटन समारोह से अलग मंदिर के ट्रस्टी श्रॉफ ने खलीज टाइम्स से कहा, यह मंदिर दुबई में केवल हिंदुओं का सपना पूरा नहीं करता है, बल्कि यह यूएई में रहने वाले सभी भारतीयों का सपना था. यह मंदिर हमारी उस परिकल्पना का प्रतिनिधित्व करता है कि हम कैसे संस्कृतियों को करीब लाते हैं." उन्होंने बताया कि दुबई सरकार के सहयोग के कारण कोविड के बावजूद इस मंदिर के निर्माण की टाइमलाइन में देरी नहीं हुई. यह दुबई सरकार की करुणा का प्रतीक है. इस मंदिर में आने के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. श्रद्धालु यहां आने से पहले ऑनलाइन रजिस्टर कर सकते हैं. इस साल के अंत तक यहां बड़े कम्युनिटी सेंटर भी होंगे जहां हिंदू रीती-रिवाज़, प्रार्थनाएं और शादियां की जा सकेंगी.