ब्रिक्स देशों पर भड़के ट्रंप! 'अमेरिका विरोधी नीतियों' का साथ देने वालों पर अतिरिक्त 10% टैरिफ की धमकी दी

डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, "ब्रिक्स की अमेरिकी विरोधी नीतियों के साथ खुद को जोड़ने वाले किसी भी देश पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाया जाएगा. इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा.

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
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  • ब्रिक्स की अमेरिकी विरोधी नीतियों से जुड़े देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की ट्रंप की धमकी दी है.
  • ट्रंप ने अपने पोस्ट में कहा कि इस नीति के लिए कोई अपवाद नहीं होगा यानी हर देश पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जा सकता है.
  • ब्रिक्स देशों ने अपने घोषणापत्र में बिना नाम लिए अमेरिका और ट्रंप की आलोचना की है.
  • ब्रिक्स घोषणापत्र में एकतरफा टैरिफ वृद्धि पर चिंता व्यक्त की गई है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार, 7 जुलाई को कहा कि ब्रिक्स की "अमेरिकी विरोधी नीतियों" के साथ खुद को जोड़ने वाले देशों से 10% अतिरिक्त टैरिफ वसूला जाएगा. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, "ब्रिक्स की अमेरिकी विरोधी नीतियों के साथ खुद को जोड़ने वाले किसी भी देश पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाया जाएगा. इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा. इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद!" 

ट्रंप ने अपने पोस्ट में "अमेरिकी विरोधी नीतियों" को लेकर कोई स्पष्टीकरण या डिटेल्स नहीं दिए. हालांकि उनकी इस धमकी को ब्रिक्स देशों द्वारा रविवार को ही जारी घोषणापत्र से जोड़कर देखा जा रहा है. 

अमेरिका आने वाले दिनों में दर्जनों देशों को टैरिफ पत्र भेजने की तैयारी कर रहा है. ट्रंप प्रशासन की हाई टैरिफ पर 90 दिनों की राहत बुधवार को समाप्त होने वाली है. ट्रंप ने एक अलग पोस्ट में कहा कि वाशिंगटन के समयानुसार सोमवार दोपहर (भारत के अनुसार सोमवार रात 9.30 बजे) से टैरिफ को लेकर देशों को लेटर भेजा जाने लगेगा.

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ब्रिक्स ने टैरिफ पर क्या कहा?

ब्रिक्स ने अपने घोषणापत्र में अमेरिका और ट्रंप का बिना नाम लिए आलोचना की है. घोषणापत्र के अनुसार, ब्रिक्स सदस्यों ने "एकतरफा टैरिफ में वृद्धि के बारे में गंभीर चिंता" व्यक्त करते हुए कहा कि टैरिफ से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचने का खतरा है. ब्राजील, भारत और सऊदी अरब जैसे अमेरिकी सहयोगियों को देखते हुए, घोषणापत्र में किसी भी बिंदु पर अमेरिका या उसके राष्ट्रपति की नाम लेकर आलोचना नहीं की गई.

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बता दें कि मूल ब्रिक्स समूह ने 2009 में अपने पहले शिखर सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत और चीन के नेताओं को इकट्ठा किया था. बाद में इस समूह में दक्षिण अफ्रीका को शामिल किया गया और पिछले साल मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया को सदस्य के रूप में शामिल किया गया.

ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका सहित इन 11 उभरते देशों में दुनिया की लगभग आधी आबादी रहती है और इसमें वैश्विक आर्थिक उत्पादन का 40 प्रतिशत हिस्सा है. भले अन्य मुद्दों पर यह गुट काफी हद तक बंटा हुआ है, लेकिन जब उग्र अमेरिकी नेता और उनके टैरिफ युद्धों की बात आती है, तो इन देशों को साथ आने का एक कॉमन ग्राउंड मिल जाता है. उन्होंने अपने घोषणापत्र में अमेरिका और ट्रंप का बिना नाम लिए आलोचना की है.

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