अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर राष्ट्रपति रहते हुए दस्तावेजों को फाड़ने और उन्हें शौचालय में डालकर फ्लश करने या फिर फ्लोरिडा भेजने के आरोप लगे हैं. इसी के साथ ट्रंप द्वारा कागजातों के सरंक्षण से जुड़े कानूनों के कथित उल्लंघन की फेहरिस्त में एक और मामला गुरुवार को जुड़ गया.
ट्रंप पर पहले भी राष्ट्रपति के डेकोरम के तहत स्वीकृत कई मानदंडों को तोड़ने का आरोप लग चुका है. हालांकि, इस बार मामला कुछ अलग है और प्रेसिडेंशियल रिकॉर्ड को संरक्षित करने वाले नेशनल आर्काइव से जुड़ा हुआ है. कहा जा रहा है कि नेशनल आर्काइव चाहता है कि अन्य बातों के अलावा, राष्ट्रपति रहने के दौरान व्हाइट हाउस के कागजातों को फाड़ने की ट्रंप की आदत की जांच की जाए.
वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, आर्काइव ने न्याय विभाग से ट्रंप की इस गतिविधि की जांच करने का आग्रह किया है.
यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब सोमवार को गवर्नमेंट रिकॉर्ड्स ऑफिस ने पुष्टि की थी कि ट्रंप के फ्लोरिड एस्टेट से कागजातों के 15 बक्से बरामद हुए हैं, जिन्हें वह राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद वाशिंगटन छोड़ते समय अपने साथ ले गए थे. इन दस्तावेजों में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ हुए आधिकारिक पत्राचार भी शामिल थे.
पिछले हफ्ते, आर्काइव ने उन रिपोर्टों की पुष्टि की जिसमें कहा गया था कि ट्रम्प ने दस्तावेजों को फाड़ा था, जिनमें से कुछ को टेप से वापस जोड़ दिया गया.
वाटरगेट मामले के सामने आने के बाद पास हुए राष्ट्रपति रिकॉर्ड अधिनियम (PRA) 1978 के तहत, अमेरिकी राष्ट्रपतियों को सभी ईमेल, पत्र और कामकाज से जुड़े दस्तावेजों को राष्ट्रीय अभिलेखागार को ट्रांसफर करना जरूरी है.
वहीं, ट्रंप ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है. गुरुवार को एक बयान में, ट्रंप ने कहा कि आर्काइव के साथ उनका व्यवहार "बहुत ही दोस्ताना था और किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं था". नेशनल आर्काइव के साथ मेरे संबंधों को मीडिया में जिस तरह दिखाया गया है वह फेक न्यूज है.
हालांकि, गुरुवार को इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. वेबसाइट Axios ने बताया कि ट्रंप के कार्यकाल पर लिखी एक किताब में दावा किया गया है कि कागजातों को फ्लश करने की कोशिश में व्हाइट हाउस का एक टॉयलेट जाम हो गया था.
न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार मैगी हैबरमैन अपनी आने वाली किताब "कॉन्फिडेंस मैन" में कहती है कि "व्हाइट हाउस में रहने वाले कर्मचारियों ने समय-समय पर पाया कि कागज की वजह से टॉयलट जाम हो गया और माना कि राष्ट्रपति ने कागज के टुकड़े फ्लश किए थे."