अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारा सत्ता संभालने के बाद अपनी बड़ी विदेश यात्रा के लिए खाड़ी देशों में पहुंचे हैं. उनका पहला पड़ाव सऊदी अरब है. यहां कई समझौतों पर उन्होंने साइन कर लिया है. इसके बाद उनका अगला पड़ाव कतर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) होगा. माना जा रहा है कि यह यात्रा अमेरिका और इन खाड़ी देशों के बीच आर्थिक संबंधों और राजनीतिक सहयोग को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम है. ये तीन ऊर्जा-समृद्ध खाड़ी अरब देश ठोस लाभ हासिल करने के लिए ट्रंप पर अपने प्रभाव का लाभ उठा रहे हैं. खास बात है कि उन्होंने राष्ट्रपति के साथ व्यक्तिगत संबंध बनाए हैं और अमेरिका में खरबों निवेश का वादा किया है. इन तीनों देशों ने खुद को उन संघर्षों में प्रमुख मध्यस्थ (मीडिएटर) के रूप में स्थापित किया है जिन्हें ट्रंप गाजा, यूक्रेन और ईरान सहित हल करना चाहते हैं.
तीनों खाड़ी देश ट्रंप से क्या चाहते हैं, एक-एक कर समझने की कोशिश करते हैं:
सऊदी अरब: सऊदी खाड़ी की स्थिरता के लिए अमेरिका की सुरक्षा प्रतिबद्धता का आश्वासन चाहता है. और जब ट्रंप रियाद पहुंचे तो दोनों देश के बीच यही हुआ. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका के पास सऊदी अरब से ज्यादा मजबूत कोई पार्टनर नहीं है. दौरे के पहले दिन अमेरिका और सऊदी अरब ने 142 बिलियन डॉलर के हथियार सौदे की घोषणा की. साथ ही साउदी के क्राउन प्रिंस ने कहा कि अन्य निवेश 1 ट्रिलियन डॉलर के हो सकते हैं. तो सवाल की सऊदी की उम्मीद क्या है. सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी राजनीति और अर्थशास्त्र पर एक लेखक और टिप्पणीकार अली शिहाबी इस बात पर जोर देते हैं कि सऊदी अरब और अन्य खाड़ी राज्य ट्रंप की यात्रा से "सुरक्षा, सुरक्षा और सुरक्षा" ही सबसे अधिक चाहते हैं. रियाद में बोलते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीरिया के खिलाफ सभी प्रतिबंध हटाने का भी वादा किया और कहा कि अब सीरिया के लिए "महानता के अवसर" के साथ आगे बढ़ने का समय आ गया है.
संयुक्त अरब अमीरात (UAE): UAE अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता (डाइवर्सिटी) लाने के लिए AI और एडवांस टेक्नोलॉजी में निवेश पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. 10 सालों में 1.4 ट्रिलियन डॉलर की निवेश योजना के साथ, UAE का लक्ष्य इस फिल्ड में महत्वपूर्ण योगदान देने की है. UAE के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार अनवर गर्गश ने सीएनएन को बताया, "AI और एडवांस टेक्नोलॉजी में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनने का जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर UAE को दिख रहा है." और यहीं पर अमेरिका आता है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अमेरिका की एडवांस माइक्रोचिप्स तक पहुंच की आवश्यकता होगी.
कतर: मिडिल ईस्ट में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य प्रतिष्ठान कतर में ही है. उसने अमेरिका के साथ अपने सुरक्षा संबंधों को औपचारिक रूप दिया है. वह दोहा सीजर एक्ट के तहत सीरिया पर प्रतिबंध हटाने के लिए ट्रंप प्रशासन पर दबाव डाल रहा था और ट्रंप ने कतर पहुंचने से पहले ही सीरिया से प्रतिबंध हटा भी लिए हैं. गाजा में युद्ध से लेकर अफगानिस्तान तक बड़े संघर्षों में कतर भी प्रमुख मध्यस्थ रहा है. बहरीन में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज में मिडिल ईस्ट पॉलिसी के सीनियर फेलो हसन अलहसन कहते हैं कि "खाड़ी देश संघर्ष मध्यस्थता को प्रभाव और प्रतिष्ठा के स्रोत के रूप में देखते हैं."
ट्रंप की यात्रा से अमेरिका और खाड़ी देशों, दोनों को महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है. अबू धाबी में एमिरेट्स पॉलिसी सेंटर थिंक टैंक के फाउंडर और प्रेसिडेंट एबतेसम अलकेतबी का कहना है कि व्यापार और निवेश का विस्तार अमेरिका और खाड़ी देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करता है. खरबों डॉलर के निवेश दांव पर होने के कारण, ट्रंप की यात्रा के दौरान बड़ी घोषणाएं होने की संभावना है. सऊदी में यह दिखा भी. इन घोषणाओं से अमेरिका और उसके खाड़ी सहयोगियों के बीच संबंध मजबूत होंगे.
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