- अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने यूरोप के कई देशों के नेतृत्व को कमजोर और पॉलिटिकली करेक्ट रहने वाला बताया है
- ट्रंप की आलोचना को रूस-यूक्रेन शांति समझौते में उनकी विफलता से जोड़ा जा रहा है
- ट्रंप ने कहा कि यूरोपीय नेता यूक्रेन संकट में कोई ठोस परिणाम नहीं निकाल पा रहे हैं
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यूरोप के कई देशों का नेतृत्व "कमजोर" लोग कर रहे हैं, और ये देश "पतन की ओर" बढ़ रहे हैं. यह बात उन्होंने 'पॉलिटिको' को दिए एक इंटरव्यू में कही. मंगलवार, 9 दिसंबर को पब्लिश पॉलिटिको के साथ इंटरव्यू में व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि वे कमजोर हैं, लेकिन मुझे यह भी लगता है कि वे बहुत ज्यादा पॉलिटिकली करेक्ट होना चाहते हैं." ट्रंप ने आगे कहा, “उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या करना चाहिए. यूरोप भी रास्ता नहीं ढूंढ पा रहा.”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि यूरोप ने अपनी बॉर्डर पॉलिसी नहीं बदली तो कुछ देश आगे चलकर ठीक से टिक भी नहीं पाएंगे. उन्होंने कहा कि लंदन और पेरिस जैसे शहर मध्य-पूर्व और अफ्रीका से आ रहे प्रवासियों के बोझ से दबते जा रहे हैं.
ट्रंप यूरोपीय देशों पर निशाना क्यों साध रहे हैं?
ट्रंप की इस आलोचना को रूस-यूक्रेन शांति समझौता न करा पाने की उनकी विफलता से जोड़ा जा रहा है. ट्रंप की इस सार्वजनिक आलोचना से एक दिन पहले ही यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन में लड़ाई रोकने पर चर्चा करने के लिए लंदन में एक साथ मीटिंग की थी. ट्रंप यह संकेत बार बार दे रहे हैं कि उनका जो शांति प्रस्ताव है वो यूक्रेन बिना किसी हल्ला के स्वीकार कर ले. जबकि यूक्रेन और यूरोपीय देशों का मानना है कि यह शांति प्रस्ताव पूरी तरह से रूस के पक्ष में झुका हुआ है.
ट्रंप ने कहा कि रूस साफ तौर पर यूक्रेन से ज़्यादा मजबूत स्थिति में है, साथ ही उन्होंने यूक्रेन से नए चुनाव कराने की अपनी मांग दोहराई. रविवार को तो ट्रंप ने बिना किसी सबूत के यह भी दिखाने की कोशिश की कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ही शांति के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा हैं. उन्होंने मीडिया से कहा था कि अमेरिका की शांति योजना से रूस तो सहमत है.
ट्रंप ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में भी यूरोप पर निशाना साधा
पिछले गुरुवार जारी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में ट्रंप प्रशासन ने कहा कि वह यूरोप में प्रवासन और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर चली आ रही पुरानी नीति के खिलाफ “प्रतिरोध खड़ा करने” की कोशिश करेगा.
इस पर यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा दस्तावेज़ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "कोई भी मित्र देश किसी दूसरे मित्र देश के लोकतांत्रिक जीवन या उसकी घरेलू नीतियों में हस्तक्षेप करने की धमकी नहीं देता है."













