"अपमानजनक": राजनयिकों को ब्रिटेन के गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोकने पर भारत

भारतीय उच्चायोग ने कहा है कि "चरमपंथी तत्वों" ने एक स्कॉटिश संसद सदस्य सहित आयोजकों के साथ दुर्व्यवहार भी किया

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ग्लासगो के गुरुद्वारा परिसर में भारतीय उच्चायुक्त की कार का दरवाजा खोलने की कोशिश की गई.
नई दिल्ली:

भारतीय उच्चायुक्त (Indian High Commissioner) और महावाणिज्य दूत (Consul General) को स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोके दिया गया. इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इस घटना को ''अपमानजनक'' बताया है. भारत ने कहा है कि इस मामले की जानकारी ब्रिटेन सरकार के साथ-साथ ब्रिटिश पुलिस को भी दे दी गई है.

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. यह वीडियो शुक्रवार का है जिसमें एक व्यक्ति ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को ग्लासगो के गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोकता हुआ दिख रहा है. दो लोग वाहन पार्किंग क्षेत्र में हाई कमिश्नर की कार का दरवाजा खोलने की कोशिश करते हुए भी दिख रहे हैं. इसके बाद कार ग्लासगो गुरुद्वारा साहेब के परिसर से बाहर निकलते हुए दिख रही है.

भारत और कनाडा के बीच बढ़ते कूटनीतिक विवाद के बीच यह घटना हुई है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में "भारत सरकार के एजेंटों" के शामिल होने का आरोप लगाया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हो गया.

उच्चायुक्त की कार का दरवाजा जबरन खोलने की कोशिश

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने शनिवार को इस घटना का बारे में बयान जारी किया. इस बयान में कहा गया है कि, "चरमपंथी तत्वों" ने गुरुद्वारा समिति की ओर से आयोजित एक योजनाबद्ध बातचीत में बाधित की. उनमें से एक ने दोरईस्वामी की कार के दरवाजे को "आक्रामकता के साथ जबरन खोलने" की कोशिश की.

बयान में कहा गया है कि "29 सितंबर, 2023 को तीन व्यक्तियों, जो कि सभी स्कॉटलैंड के बाहर के क्षेत्रों से थे, ने समुदाय, उच्चायुक्त और भारत के कौंसुल जनरल के लिए गुरुद्वारा समिति द्वारा आयोजित एक योजनाबद्ध बातचीत को जानबूझकर बाधित किया. यह बातचीत समुदाय और कांसुलर मुद्दों पर चर्चा करने के लिए होना थी.

चरमपंथियों ने धमकाया और दुर्व्यवहार किया

उच्चायोग ने कहा कि, "आयोजकों में समुदाय के वरिष्ठ नेता, महिलाएं, समिति के सदस्य और स्कॉटिश संसद के एक सदस्य शामिल थे. इन तत्वों ने उन्हें धमकाया और दुर्व्यवहार किया. किसी भी संभावित विवाद को रोकने के लिए उच्चायुक्त और महावाणिज्य दूत ने वहां उन तत्वों के पहुंचने के तुरंत बाद परिसर छोड़ने का फैसला किया.“ 

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बड़ी घटना टल गई

उच्चायोग ने कहा कि "गैर-स्थानीय चरमपंथी तत्वों" में से एक ने उच्चायुक्त की कार के दरवाजे को हिंसक तरीके से खोलने की कोशिश की. इस पर पुलिस को ध्यान देने की जरूरत है. बताया गया कि आयोजकों में से एक ने त्वरित प्रतिक्रिया की और इसमें हस्तक्षेप किया, जिससे बड़ी घटना टल गई.

बयान में कहा गया है कि, "भारतीय उच्चायोग ने इस शर्मनाक घटना की सूचना विदेश, राष्ट्रमंडल, डेवलपमेंट आफिस (FCDO) और मेट्रोपॉलिटन पुलिस को दी है." एफसीडीओ विदेश मंत्रालय के समान है.

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बयान में कहा गया है कि आयोजकों और कई सामुदायिक संगठनों ने घटना पर खेद जताया है और अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

एसजीपीसी ने घटना की निंदा की

सिख यूथ यूके नाम के समूह की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में एक व्यक्ति यह कहते हुए सुनाई दे रहा है कि गुरुद्वारे में आने वाले किसी भी भारतीय राजदूत या किसी भी भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ इसी तरह व्यवहार किया जाएगा.

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घटना की निंदा करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने कहा है कि एनवॉय को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से नहीं रोका जाना चाहिए था और गुरुद्वारे हर धर्म के लिए हैं.

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