जैश-ए-मोहम्मद से कैसे जुड़े दिल्ली ब्लास्ट के तार? क्या है इस आतंकी संगठन की कुंडली, कौन है इसका मुखिया?

Delhi Red Fort Car blast: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार, 10 नवंबर की शाम हुए धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन लोग घायल हो गए हैं.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • दिल्ली के लाल किला के पास हुए कार विस्फोट में बारह लोगों की मौत हुई और यह आत्मघाती हमला माना जा रहा है
  • जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है
  • जैश-ए-मोहम्मद को कई देशों ने प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है लेकिन यह पाकिस्तान में खुले तौर पर सक्रिय है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

Delhi Red Fort Car blast: दिल्ली के लाल किला के पास सोमवार, 10 नवंबर को हुए कार विस्फोट ने पूरे देश को सन्न कर दिया है. दिल्ली पुलिस को शुरुआती जांच से पता चला है कि उच्च तीव्रता वाला यह विस्फोट एक फिदायीन (आत्मघाती) हमला हो सकता है. PTI की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली पुलिस ने बताया है कि विस्फोट में 12 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. इस घातक हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का लिंक जुड़ता दिख रहा है.

दरअसल यह धमाका फरीदाबाद से एक कश्मीरी डॉक्टर के मकान से कुल 2,900 किलोग्राम संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट तथा हथियारों और गोलाबारूद का जखीरा बरामद होने के कुछ घंटों बाद हुआ. 15 दिन के अभियान के बाद गिरफ्तार किए गए लोगों में कश्मीर के डॉ. मुजम्मिल गनी भी शामिल थे. अधिकारियों ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए तीन चिकित्सकों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किया गया. यह मॉड्यूल कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था.

चलिए आपको यहां बताते हैं कि जैश की मौजूदा स्थिति क्या है, इसका कौन मुखिया है और यह कहां-कहां बैन है?

कहानी जैश की!

पाकिस्तान ने पनाह दिया और चीन ने संरक्षण... इन दोनों की शह में मौलाना मसूद अजहर ने सन 2000 में जैश ए मोहम्मद की नींव रखी थी. 2001 संसद हमला, जनवरी 2016 पठानकोट एयरबेस हमला, सितंबर 2016 उरी हमला... जैश ने बार- बार कश्मीर की घाटी में सुसाइड मिशन के जरिए हमले करवाए हैं. भारत ने जब पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर चलाया तो जैश को बड़ी चोट लगी थी. पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर 80-90 घंटे तक सटीक हवाई हमले किए गए. इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके ठिकानों को नष्ट किया गया.

भारत को उम्मीद थी कि इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान सुधर जाएगा, अपनी जमीन पर आतंक को फिर जगह नहीं देगा. लेकिन उससे यह उम्मीद बेईमानी है. ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों के कई ठिकानों तबाह होने के बाद पाकिस्तान में आतंकियों के कैंप और संगठन फिर से सक्रिय हो रहे हैं. इसी कड़ी में जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग का गठन किया गया है. खास बात यह है कि इसकी कमान संगठन के सरगना मसूद अजहर की बहन सैदा अजहर को दे दी गई है. यह कदम जैश के आतंकी नेटवर्क को फिर से मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

पाकिस्तान की आर्मी और ISI जैश को इस महिला नेटवर्क को खड़ा करने में सक्रिय रूप से मदद कर रही हैं. इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को आतंक के नए माध्यम के रूप में इस्तेमाल करना है, ताकि आतंकी संगठन गहराई तक अपनी जड़ें फैला सके.

जैश-ए-मोहम्मद कहां कहां बैन?

  • आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन करार दिया है, यानी उसपर बैन लगाया है. 
  • संयुक्त राष्ट्र: 2001 में जैश को एक आतंकवादी समूह के रूप में और उसके नेता मसूद अज़हर को 2019 में एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया.
  • भारत: अक्टूबर 2001 में भारत के UAPA अधिनियम के तहत JeM को एक प्रतिबंधित संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया गया था.
  • पाकिस्तान: अंतरराष्ट्रीय दबाव में जैश को 2002 में बैन किया था लेकिन आजतक जैश पाकिस्तान में खुले रूप में काम करता है, भारत पर हमले के लिए दान मांगता है. 
  • अमेरिका: दिसंबर 2001 में जैश को एक विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया
  • यूनाइटेड किंगडम: मार्च 2001 में बैन किया
  • कनाडा: नवंबर 2002 में विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया
  • ऑस्ट्रेलिया: अप्रैल 2003 में आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया
  • न्यूज़ीलैंड: अक्टूबर 2003 में आतंकवादी समूह के रूप में नामित किया

अब दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े तार

लाल किले के पास विस्फोट से तीन हफ्ते पहले श्रीनगर के कई हिस्सों में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन वाले पोस्टर दिखाई दिए थे. इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक जांच शुरू की जो उन्हें लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली तक ले आई. इस जांच ने बताया कि आतंकी अपनी भर्ती में एक बुनियादी बदलाव ला रहे हैं, जिसे जम्मू-कश्मीर पुलिस "व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम" बताया है- अब डॉक्टरों को आतंकी के रूप में भर्ती किया जा रहा है.

Advertisement

तीन कश्मीरी डॉक्टरों, अदील अहमद राथर, मुजम्मिल शकील और उमर मोहम्मद की लाल किले विस्फोट के संबंध में जांच की जा रही है. ब्लास्ट के पहले उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और हरियाणा के फरीदाबाद में क्रमशः राठेर और शकील की गिरफ़्तारी से भारी मात्रा में बम बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बरामद हुई थी. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, फरीदाबाद के दो कमरों से सोमवार को बरामद 2,900 किलोग्राम विस्फोटक मिला था जिसके अमोनियम नाइट्रेट होने की आशंका है. प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि लाल किले के पास विस्फोट में इसी केमिकल का इस्तेमाल किया गया था.

यह भी पढ़ें: डॉ. उमर मोहम्मद, आदिल अहमद...दिल्ली बम ब्लॉस्ट के 7 किरदार, जानिए टेरर नेटवर्क की पूरी कुंडली 

Featured Video Of The Day
Bihar Bulldozer Action: Bulldozer will run in Patna, will no illegal activities be spared? | Nitish Kumar | Samrat Choudhary
Topics mentioned in this article