अमेरिका को वित्तीय वर्ष 2023 के लिए H1B वीजा के लिए 65000 आवेदन मिल चुके हैं. यह संख्या अमेरिकी संसद (कांग्रेस) द्वारा स्वीकृत अधिकतम संख्या है. आव्रजन सेवाओं के लिए अमेरिका की संघीय एजेंसी ने बताया कि अन्य 20,000 H1B वीजा उन विदेशी छात्रों को जारी किए जा सकते हैं, जिन्होंने अमेरिकी यूनिवर्सिटी से विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) विषयों में उच्च शिक्षा पूरी की है. फिलहाल इसपर अभी तक राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) की मंजूरी नहीं मिली है.
H1B एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को खास विशेषज्ञता वाले पेशेवरों में विदेशी कामगारों की भर्ती करने की अनुमति मिलती है. प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को भर्ती करने के लिए इस पर निर्भर रहती हैं. H1B वीजा मिलने में देरी को लेकर NDTV ने संयुक्त राज्य अमेरिका के महावाणिज्य दूत माइक हैंकी (US Consul General Mike Hankey) से खास बातचीत की. उनका कहना है कि H1B वीजा के लिए वेटिंग टाइम अगले दो महीने यानी दिसंबर-जनवरी में कम होने की पूरी संभावना है.
माइक हैंकी ने कहा, 'अच्छी खबर यह है कि H1B वीजा ने भारतीय आवेदकों के लिए अगले कुछ महीनों में अमेरिका में काम करने के रास्ते खोल दिए हैं. इससे भारतीय आवेदकों के लिए एक लाख नई नियुक्ति का रास्ता खुलेगा. यह देखना हमारे लिए खुशी की बात है कि उनमें से कितने लोग आगे आते हैं और अपना पूरा डॉक्युमेंटेंशन करवा पाते हैं.'
विजिटर्स वीजा के लिए मौजूदा समय में वेटिंग टाइम 100 दिनों से अधिक है. क्या आने वाले दिनों में इस समयसीमा में भी कमी की उम्मीद की जा सकती है? इस सवाल के जवाब में हैंकी ने कहा, 'विजिटर्स वीजा के लिए हम बहुत सारे संसाधन ला रहे हैं, इसकी समय सीमा को कम करना वॉशिंगटन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. विजिटर्स वीजा में हमारी प्राथमिकता स्टूडेंट्स, मेडिकल इमरजेंसी और बिजनेस वीजा भी है.
आईटी कंपनियों की छंटनी के बाद H1B वीजा होल्डर और खासकर भारतीयों पर क्या असर होगा? इसके जवाब में माइक हैंकी ने कहा, 'उन व्यक्तियों को अपनी स्थिति पर एक नज़र डालनी होगी. मौजूदा हालात को भांपकर वो देखें कि उन्हें क्या करना है या तो उन्हें इमिग्रेशन वकीलों से बात करनी चाहिए या इमिग्रेशन कंसल्टेंट की मदद लेनी चाहिए.