कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बीच कोरोना का टीका (Corona Vaccine) एक बड़ी राहत के तौर पर सामने आया. लेकिन कुछ समय बाद कम होने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को देखते हुए कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की बूस्टर डोज़ (Booster Dose) पर दुनियाभर में कई रिसर्च (Research) हो रहीं हैं. हाल ही में हुई एक नई रिसर्च में सामने आया है कि कोविड 19 (Covid19) से बचाव देने वाले टीके की तीन खुराक ( दो टीके + 1 बूस्टर डोज़) ले चुके लोगों में उच्च-गुणवत्ता वाली एंटीबॉडी (High Quality Antibodies) विकसित होती है जिनसे कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन (Omicron) के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा मिल सकती है.
शोधकर्तााओं के मुताबिक, तीन बार वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों और संक्रमणमुक्त होने के बाद टीके की दो खुराक लेने वालों पर भी यह बात लागू होती है.
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'नेचर मेडिसिन' में हाल में प्रकाशित इस अध्ययन के दौरान टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों और संक्रमण की चपेट में आने के बाद स्वस्थ हुए मरीजों में विकसित एंटीबॉडी की निगरानी की गई.
जर्मनी में म्यूनिख तकनीकी विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि तीन बार संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों में वायरस से लड़ने वाली उच्च स्तरीय और उच्च गुणवत्ता वाली एंटीबॉडी विकसित हुई.
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि टीके की बूस्टर खुराक लेने वाले लोगों में भी इसी तरह उच्च स्तरीय और उच्च गुणवत्ता वाली एंटीबॉडी विकसित हुई जोकि वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ भी प्रभावी सुरक्षा देने में सक्षम रही.