कोरोना का नया वैरिएंट 'Kraken' बढ़ा रहा है चिंता, जानें- कितना है ये खतरनाक?

WHO की कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वैन केरखोव ने 4 जनवरी को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि XBB.1.5 "सबसे अधिक संक्रमणीय सब-वैरिएंट है जिसका अभी तक पता चला है."

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
कोविड वैरिएंट्स को मौजूदा समय में WHO द्वारा बुलाई गई एक विशेषज्ञ समूह द्वारा नामित किया जाता है. (फाइल फोटो)

पिछले साल पहली बार अस्तित्व में आया एक नया कोविड वैरिएंट "क्रैकेन वैरिएंट" जो थोड़े ही समय में अमेरिका में डोमिनेंट स्ट्रेन बन गया था, अब विभिन्न देशों में फैलने लगा है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार ये वैरिएंट अमेरिका के माध्यम से बढ़ा और अब कम से कम 28 अन्य देशों में इसे डिटेक्ट किया गया है. ऐसे में सबके जहन में सवाल है कि क्या ये वैरिएंट ज्यादा खतरनाक है? क्या ये अधिक आसानी से फैलता है? और ये चीन के कोविड प्रकोप को कैसे प्रभावित करेगा?

नया वेरिएंट क्या है?

XBB.1.5 ओमिक्रॉन XBB सबवैरिएंट का वंशज है, जो अपने पहले के दो स्ट्रेन BA.2.75 और BA.2.10.1 के बीच एक क्रॉस है. मूल XBB वैरिएंट पहले ही सिंगापुर और भारत सहित अन्य देशों में संक्रमण की लहर पैदा कर चुका है. WHO ने पहली बार पिछले अक्टूबर में इसके बारे में चिंता जताई थी. 

XBB.1.5 कितनी तेजी से फैल रहा है?

दिसंबर की शुरुआत में कोरोना के सभी मामलों में से केवल एक प्रतिशत के हिसाब से, रोग नियंत्रण और रोकथाम के अमेरिकी केंद्रों के अनुमान बताते हैं कि यह महीने के अंत तक प्रमुख स्ट्रेन बन गया था, जो सभी संक्रमणों के केसों के लगभग 41 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार था. पूर्वोत्तर राज्यों में यह आंकड़ा 70 फीसदी से ऊपर था.

Advertisement

WHO की कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वैन केरखोव ने 4 जनवरी को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि XBB.1.5 "सबसे अधिक संक्रमणीय सब-वैरिएंट है जिसका अभी तक पता चला है." अब तक केवल 29 देशों ने इस वैरिएंट से संक्रमित होने की जानकारी दी है. तब भी स्वास्थ्य अधिकारी चेतावनी दे रहे हैं कि यह और अधिक व्यापक हो सकता है और टेस्ट में गिरावट के कारण फैल सकता है. 

Advertisement

क्या ये पुराने सारे वैरिएंट से अधिक खतरनाक है?

XBB.1.5 और पिछले वेरिएंट के कारण होने वाले मामलों के बीच रिपोर्ट की गई सिविएरिटी में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं है. हालांकि, अन्य स्ट्रेन जिन्होंने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ाई थी की तुलना में ये (XBB.1.5) अधिक गंभीर इस लिए है क्योंकि ये प्रतिरक्षा इम्युनिटी इस्केप के लक्षण दिखा रहा है. इसका मतलब है कि यह प्राकृतिक एंटिबॉडी या टीकों द्वारा प्रदान की गई पिछली सुरक्षा को चकमा और उन लोगों को फिर से संक्रमित करने की क्षमता रखता है जो कोविड के पहले दौर से उबर चुके हैं.

Advertisement

क्या ये चीन पहुंच चुका है और इसका क्या असर होगा ?

चीन, जो फिलहाल अपनी कोविड शून्य नीति को खत्म करने के बाद संक्रमण की एक बड़ी लहर से गुजर रहा है, ने अभी तक XBB.1.5 के किसी भी मामले की रिपोर्ट नहीं की है. शंघाई ने वैरिएंट के कारण होने वाले तीन संक्रमणों का पता लगाया है और कहा है कि सभी बाहर से आए लोग थे. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित दुनिया भर की स्वास्थ्य एजेंसियों ने चिंता जताई है कि चीन किसी निश्चित निष्कर्ष पर आने के लिए पर्याप्त जीनोम सिक्वेंसिंग जानकारी प्रदान नहीं कर रहा है. 

Advertisement

'Kraken' नाम कहां से आया?

कोविड वैरिएंट्स को मौजूदा समय में WHO द्वारा बुलाई गई एक विशेषज्ञ समूह द्वारा नामित किया जाता है. यह चिंता के तथाकथित रूपों की पहचान करता है जिनका संभावित वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य महत्व है. अल्फा, बीटा और डेल्टा जैसे पिछले स्ट्रेन के नाम भी यहीं से आए हैं. 

लेकिन अंतिम ग्रीक-नामित वैरिएंट, ओमिक्रॉन, एक साल से अधिक समय पहले उभरा और संक्रमण के अन्य किसी महत्वपूर्ण रूप के नामकरण के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी. ओमिक्रॉन ने XBB.1.5 सहित कई स्ट्रेनों को जन्म दिया है, और उनके नाम अक्षरों और संख्याओं के कॉम्बिनेशन से उत्पन्न होते हैं, जिन्हें "पैंगो" कहा जाता है. इसने ही "क्रैकेन" सहित अनौपचारिक ऑनलाइन निकनेम की लोकप्रियता में वृद्धि की है.

यह भी पढ़ें -
-- मेयर का चुनाव : दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल वीके सक्सेना के बीच फिर ठनी
-- विमान में महिला पर पेशाब करने वाले को पकड़ने के लिए पुलिस ने की रेड, आरोपी फरार

Featured Video Of The Day
Bareilly Murder Case: बीवी बनी कातिल, ज़हर, गला घोंटा, फिर लटकाया | Metro Nation @10
Topics mentioned in this article