गंभीर कोविड पेशेंट के लिए ज्यादा उपयोगी नहीं प्लाज्मा थैरेपी, नए अध्‍ययन में खुलासा

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के ब्रयान मैकवेरी ने कहा, ‘‘महामारी की शुरुआत में प्लाज्मा का उपयोग करने के स्वीकार्य कारण थे, जब हजारों लोग बीमार हो रहे थे और उपचार के तरीके खोजे जा रहे थे.’’

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
प्रतीकात्‍मक फोटो
वॉशिंगटन:

कोविड-19 के अधिकतर गंभीर रोगियों (Critically ill covid patients) में कान्वलेसेंट (स्वास्थ्य लाभ कराने वाला) प्लाज्मा चढ़ाने की पद्धति (Plasma Therapy)अधिक उपयोगी नहीं है. मंगलवार को प्रकाशित एक अध्ययन के परिणामों में यह बात कही गयी है.जेएएमए पत्रिका में प्रकाशित नतीजे रीमैप-कैप परीक्षण के सबसे ताजा परिणाम हैं. इस परीक्षण में दुनियाभर के सैकड़ों अस्पतालों में भर्ती हजारों रोगियों को शामिल किया गया था.अध्ययनकर्ता और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में सहायक प्रोफेसर ब्रयान मैकवेरी ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी की शुरुआत में प्लाज्मा का उपयोग करने के जैविक रूप से स्वीकार्य कारण थे, जब हजारों लोग बीमार हो रहे थे और उपचार के तरीके खोजे जा रहे थे.''

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से या तो इस पद्धति का इस्तेमाल क्लीनिकल परीक्षण से परे किया जा रहा था या उन परीक्षणों में किया जा रहा था जिनमें गंभीर रोगियों पर ध्यान नहीं था.''अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ताजा परिणामों के अनुसार कोविड-19 के अत्यंत गंभीर रोगियों के लिए कान्वलेसेंट प्लाज्मा का उपयोग बंद होना चाहिए.उन्होंने कहा कि उन उपचारों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो कारगर सिद्ध हो चुके हैं, वहीं अन्य बेहतर उपचार तरीके विकसित किये जाने चाहिए और उनका परीक्षण होना चाहिए.

- - ये भी पढ़ें - -
* 'किसी की भी आत्मा को झकझोर देगा'- लखीमपुर का वायरल वीडियो शेयर कर बोले सांसद वरुण गांधी
* रेप पीड़िता की पहचान उजागर का मामला : HC ने राहुल गांधी को नोटिस जारी करने से किया इनकार
* 'शाहरुख के दर्द में मजे लेने वालों से घृणा...' : आर्यन खान की गिरफ्तारी पर शशि थरूर की नसीहत

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
PM Modi Ghana Visit: भारत का ठीक उल्टा! यहाँ लड़के वाले देते हैं 'स्त्री धन' | X-Ray Report
Topics mentioned in this article