सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष, भारतीयों को मिली घर के अंदर रहने की सलाह

सूडान के सैन्य नेता अब्देल फत्ताह अल-बुरहान और उनके नंबर दो अर्धसैनिक कमांडर मोहम्मद हमदान डागलो के बीच हफ्तों तक गहराते तनाव के बाद शनिवार को सूडान में हिंसा भड़क गई.

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सूडान की राजधानी खार्तूम में अर्धसैनिक बलों और नियमित सेना ने एक-दूसरे के ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं.
खार्तूम:

सूडान की राजधानी खार्तूम में अर्धसैनिक बलों और नियमित सेना ने एक-दूसरे के ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं. इसके बाद सूडान में स्थित भारतीय मिशन ने वहां रह रहे भारतीयों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है. खार्तूम में भारतीय दूतावास के एक ट्वीट में कहा, "गोलीबारी और झड़पों की सूचना के मद्देनजर, सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, घर के अंदर रहने और तत्काल प्रभाव से बाहर निकलने से रोकने की सलाह दी जाती है. कृपया शांत रहें और अपडेट की प्रतीक्षा करें." इसके साथ ही भारतीय मिशन की तरफ से कहा गया, "जो भारतीय सूडान जाने की योजना बना रहे हैं, वे अपनी योजना टाल दें. कृपया शांत रहें और अपडेट की प्रतीक्षा करें."

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नियमित सेना में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के नियोजित एकीकरण को लेकर सैन्य नेता अब्देल फतह अल-बुरहान और उनके नंबर दो अर्धसैनिक कमांडर मोहम्मद हमदान डागलो के बीच हफ्तों तक गहराते तनाव के बाद शनिवार को सूडान में हिंसा भड़क गई. प्रत्यक्षदर्शियों ने दक्षिण खार्तूम में आरएसएफ बेस के पास "टकराव" और जोरदार विस्फोट और गोलियों की सूचना दी.

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आरएसएफ का दावा
आरएसएफ ने कहा कि उसके बलों ने खार्तूम हवाईअड्डे पर नियंत्रण कर लिया था. प्रत्यक्षदर्शियों ने भी हवाई अड्डे के परिसर में लड़ाकों से भरे ट्रक को आते देखा है. हवाईअड्डे के पास, साथ ही बुरहान के आवास के पास और खार्तूम उत्तर में गोलियों की आवाज सुनी गई. समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि नागरिकों को भागते देखा गया.

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सेना का दावा
सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल नबील अब्दुल्ला ने एएफपी को बताया, "रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के लड़ाकों ने खार्तूम और सूडान के आसपास कई सैन्य शिविरों पर हमला किया. संघर्ष जारी है और सेना देश की सुरक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभा रही है."

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दोनों पक्ष लगा रहे आरोप
गुरुवार को अपने बयान में, नियमित सेना ने कहा कि यह "देश एक खतरनाक ऐतिहासिक मोड़ पर है." सेना ने कहा, "जोखिम बढ़ रहा है, क्योंकि आरएसएफ कमांड ने राजधानी और अन्य शहरों में सेना को लामबंदकर घेर लिया है." आरएसएफ ने अपनी तैनाती का बचाव करते हुए कहा कि वह नियमित सेना के साथ समन्वय में काम करता है और इसके लड़ाके "सुरक्षा और स्थिरता हासिल करने के लिए पूरे देश में चलते हैं." 

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