चिन्मय देवरे कौन हैं? इस भारतीय छात्र को डिपोर्ट कर सकता है अमेरिका, ट्रंप की एजेंसी पर ही किया केस

भारतीय स्टूडेंट चिन्मय देवरे ने, चीन और नेपाल के तीन अन्य छात्रों के साथ मिलकर अपने स्टूडेंट इमिग्रेशन स्टेट्स को "गैरकानूनी रूप से" समाप्त किए जाने के बाद यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी और इमिग्रेशन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में 21 साल के ग्रेजुएशन स्टूडेंट चिन्मय अगस्त 2021 से वहां कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे हैं.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में अमेरिका के अंदर कई इंटरनेशनल स्टूडेंट्स पर डिपोर्टेशन का खतरा मंडरा रहा है. कईयों को वापस उनके देश भेज दिया गया है तो कईयों को निकालने की तैयारी चल रही है. इसमें भारत के स्टूडेंट भी शामिल हैं और इसमें नया नाम जुड़ा है चिन्मय देवरे का.

भारतीय स्टूडेंट चिन्मय देवरे ने, चीन और नेपाल के तीन अन्य छात्रों के साथ मिलकर अपने स्टूडेंट इमिग्रेशन स्टेट्स को "गैरकानूनी रूप से" समाप्त किए जाने के बाद यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी और इमिग्रेशन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. 

उनके अलावा चीन के जियानग्युन बू और किउयी यांग, और साथ ही नेपाल के योगेश जोशी ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इंफॉर्मेशन सिस्टम (SEVIS) में उनके स्टूडेंट इमिग्रेशन स्टेट्स को "पर्याप्त नोटिस और स्पष्टीकरण के बिना" अवैध रूप से समाप्त कर दिया गया था.

चिन्मय देवरे कौन हैं?

मिशिगन के अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ने इन छात्रों की ओर से एक मुकदमा दायर किया है. इसमें कहा गया है कि चिन्मय देवरे पहली बार 2004 में H-4 आश्रित वीजा (डिपेंडेंट वीजा) पर अपने परिवार के साथ अमेरिका गए थे. उन्होंने और उनके परिवार ने 2008 में अमेरिका छोड़ दिया. फिर बाद में चिन्मय 2014 में अपने परिवार के साथ अमेरिका लौट आए. मिशिगन में हाई स्कूल पास करने के बाद, उन्होंने H-4 स्थिति के तहत वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया. 

वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में 21 साल के ग्रेजुएशन स्टूडेंट चिन्मय अगस्त 2021 से वहां कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहा है.

मई 2022 में देवरे की उम्र H-4 स्टेट्स से बाहर हो रही थी. तब उन्होंने कानूनी तौर पर अपने वीजा को F-1 स्टूडेंट स्टेट्स में बदलने की अनुमति के लिए आवेदन किया और उन्हें अनुमति दे दी गई. उनका मई 2025 में ग्रेजुएशन पूरा होगा. वह वर्तमान में कैंटन में अपने तत्काल परिवार के साथ रहते हैं.

दायर किए गए मुकदमे के अनुसार देवरे पर अमेरिका में कभी भी किसी अपराध का आरोप नहीं लगाया गया या और न उसे किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया. तेज गाड़ी चलाने और पार्किंग पर चलान (जिसे उसने तुरंत भर दिया था) के अलावा, उस पर किसी भी नागरिक उल्लंघन, मोटर वाहन कोड उल्लंघन, या आव्रजन कानून उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है. वह किसी भी राजनीतिक मुद्दे को लेकर कैंपस में विरोध प्रदर्शन में सक्रिय नहीं रहे हैं.

Advertisement

4 अप्रैल को, वेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने चिन्मय देवरे को सूचित किया कि SEVIS में उनका F-1 स्टूडेंट का स्टेट्स समाप्त कर दिया गया है. उन्हें मिले ईमेल में कहा गया है, "हमारे रिकॉर्ड से पता चलता है कि आपका SEVIS आज सुबह समाप्त कर दिया गया है. समाप्ति का कारण- स्टेट्स बनाए रखने में विफल रहना- आपराधिक रिकॉर्ड की जांच में नाम मिलना और/या उनका वीजा रद्द कर दिया गया है. SEVIS रिकॉर्ड समाप्त कर दिया गया है." इसके अलावा कोई और डिटेल या आरोप नहीं दिया गया.

Featured Video Of The Day
Operation Sindoor में IAF का पराक्रम, 5 फाइटर जेट और 1 AWACS विमान तबाह : Air Force Chief
Topics mentioned in this article