फरवरी की शुरुआत में अटलांटिक महासागर के ऊपर जिस चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया गया था, उसने अमेरिका के ऊपर से उड़ान भरते समय कोई खुफिया जानकारी एकत्र नहीं की थी. इस जासूसी गुब्बारे को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया था. पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने कहा कि हमारा आकलन है कि चीन का जासूसी गुब्बारा न तो कोई डेटा वापस चीन भेज पाया और न ही उसने कोई डेटा एकत्र किया था.
राइडर ने एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, "हम जानते हैं कि इसमें खुफिया जानकारी एकत्र करने की क्षमता थी, लेकिन हमारा आकलन है कि जब यह संयुक्त राज्य अमेरिका से गुजर रहा था, तब उसने कोई जानकारी एकत्र नहीं की थी."
यह बयान तब आया है, जब कुछ अमेरिकी सांसदों ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि गुब्बारा सेना द्वारा मार गिराए जाने से पहले, फरवरी की शुरुआत में अमेरिका की मुख्य भूमि के अधिकांश हिस्सों में उड़ान भरने के दौरान जानकारी एकत्र कर रहा था, जिसमें संवेदनशील सैन्य स्थल भी शामिल थे. इसमें वह क्षेत्र भी शामिल था, जहां अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात थीं.
सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के उपाध्यक्ष, फ्लोरिडा सीनेटर मार्को रुबियो ने फरवरी में कहा था कि गुब्बारा 'एक और जरिया है जिसका उपयोग वे हमारे बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए करते हैं. हमें इसके प्रति सचेत रहना होगा और इसके खिलाफ खुद को बचाना होगा.
हालांकि, चीन शुरुआत से जासूसी के आरोपों से इनकार करता रहा है. चीन का कहना है कि गुब्बारा महज एक हानिरहित, मानवरहित नागरिक वाहन था. वहीं, चीन ने उल्टा अमेरिका पर जासूसी गुब्बारे भेजने का आरोप लगाया था. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने दावा किया था कि अमेरिका ने जनवरी 2022 से अब तक 10 से अधिक बार उसके हवाई क्षेत्र (Air Space) में जासूसी गुब्बारे भेजे.
राइडर से गुरुवार को पूछा गया कि क्या उनका मानना है कि बैलून की कोई भी जानकारी इकट्ठा करने में विफलता के लिए अमेरिकी प्रयास जिम्मेदार थे. उन्होंने कहा, ''निश्चित रूप से, हमने जो प्रयास किए, उन्होंने इसमें योगदान दिया.'' उन्होंने यह भी कहा कि बैलून में अमेरिकी हिस्सों का इस्तेमाल होने की खबरें हैं और इसमें आश्चर्य की बात नहीं." हालांकि, राइडन ने खुद इसकी पुष्टि नहीं की कि बैलून में वाकई अमेरिकी पार्ट्स का इस्तेमाल किया गया था.
बता दें कि गुब्बारे ने 28 जनवरी को अलास्का से अमेरिका में प्रवेश किया था और चार फरवरी को साउथ कैरोलिना के तट से दूर अटलांटिक महासागर में गिराए जाने से पहले उसने मोंटाना सहित कई राज्यों से होते हुए विभिन्न संवेदनशील सैन्य स्थलों को पार किया था। मोंटाना में अमेरिका अपनी परमाणु संबंधी सामग्री का भंडारण करता है.
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