India-China Relation: रूस पर अमेरिका के ट्रंपकार्ड से बेचैन चीन कर रहा 'हाथी-ड्रैगन' की दोस्ती की बात

भारत से संबंध को लेकर चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि एक-दूसरे को नीचा दिखाने के बदले एक-दूसरे का समर्थन और सहयोग करना हमारे बुनियादी हितों में है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

India-China Relationship: मुश्किल वक्त में पड़ोसी ही काम आता है. भारत में यह कहावत आम है. वाजपेयी भी कह गए हैं- आप मित्र तो बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं. लेकिन चीन को यह बात अब समझ आ रही है. जो चीन कल तक रूस के साथ मिलकर एक नए वर्ल्ड ऑर्डर का सपना बुन रहा था, उसे  ट्रंप चकनाचूर कर रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका की सत्ता संभालने के बाद रूस-अमेरिका पास आ रहे हैं, जिससे वर्ल्ड ऑर्डर में चीन नेपथ्य (किनारे) में खड़ा दिखाई दे रहा है. ऐसे में अब चीन भारत से दोस्ती की बात बता रहा है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी (China's Foreign Minister Wang Yi) ने शुक्रवार को भारत और चीन को एक दूसरे के लिए राइट च्वाईस बताया है.

'एक-दूसरे को नीचा दिखाने के बदले सहयोग को मजबूत करना जरूरी'

दरअसल नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की बैठक के बाद बोलते चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, "ड्रैगन और हाथी को साथ नचाना (भारत और चीन की दोस्ती) ही एकमात्र सही विकल्प है." उन्होंने यह भी कहा, "एक दूसरे को नीचा दिखाने के बजाय समर्थन करना और एक-दूसरे से बचने के बजाय सहयोग को मजबूत करना हमारे बुनियादी हितों में है."

'भारत-चीन का साथ आना ग्लोबल साउथ के उज्ज्वल भविष्य होगा'

चीनी विदेश मंत्री ने यह भी घोषणा की कि यदि एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं आपस में मिल जाएं तो "अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लोकतंत्रीकरण के साथ-साथ 'ग्लोबल साउथ' के विकास और सुदृढ़ीकरण एक उज्ज्वल भविष्य होगा." हालांकि चीनी विदेश मंत्री के बयान पर भारत ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

Advertisement

जयशंकर ने कहा था- दोनों देशों का रिश्ता आगे बढ़ाने में काम कर रही सरकार

हालांकि, गुरुवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह जरूर कहा कि भारत सरकार चीन के साथ संबंधों के लिए सकारात्मक दिशा में तय करने के लिए काम कर रही है, जिसके लिए चीन के नियंत्रण वाले स्थलों पर तीर्थयात्रा फिर से शुरू करना, सीधी उड़ानें और पत्रकारों का आदान-प्रदान शामिल होगा.

Advertisement
दिल्ली के साथ संबंध से जुड़े सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने दोनों देशों के बीच पिछले साल हुई सकारात्मक प्रगति की ओर भी इशारा किया, जिसमें लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सैन्य वापसी भी शामिल है. 

कजान में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की हुई थी मुलाकात

साथ ही उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के शी जिनपिंग की मुलाकात की भी बात की. भारत के साथ सीमा विवाद पर उन्होंने जोर देकर कहा, "हमें द्विपक्षीय संबंधों को सीमा से जुड़े सवालों से परिभाषित नहीं होने देना चाहिए. इन मतभेदों से समग्र द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए."

Advertisement

अमेरिका-चीन के टैरिफ वॉर से बदल रहे समीकरण

मालूम हो कि चीन के विदेश मंत्री यह बयान ऐसे समय में आया है जब संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध चल रहा है. चीन और अमेरिका के बीच चल रही टैरिफ लड़ाई के बीच चीन विदेश मंत्री ने भारत की तरह दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. अब देखना है कि भारत चीन की इस पहल का क्या जवाब देता है?

Advertisement
Featured Video Of The Day
akhilesh_150240Akhilesh Yadav ने पत्नी Dimple Yadav के साथ किए बाबा जगन्नाथ के दर्शन, किसका किया शुक्रिया? | Puri