चीन (China) ने पाकिस्तानी (Pakistan) आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के अमेरिका (America) एवं भारत के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी क्षण में बाधित कर दिया. अमेरिका और भारत ने सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था.
अमेरिका पहले ही मक्की को आतंकवादी घोषित कर चुका है. मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना एवं 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का रिश्तेदार है. ऐसा बताया जा रहा है कि भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन चीन ने इस प्रस्ताव को अंतिम क्षण में बाधित कर दिया.
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पाकिस्तान के मित्र देश चीन ने भारत और उसके सहयोगियों द्वारा पाकिस्तानी आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के प्रयासों को इससे पहले भी कई बार बाधित किया है. भारत ने मई 2019 में संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ी राजनयिक जीत हासिल की थी, जब वैश्विक निकाय ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को ‘वैश्विक आतंकवादी' घोषित कर दिया था. ऐसा करने में भारत को करीब एक दशक का समय लग गया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यीय निकाय में चीन एक मात्र ऐसा देश था, जिसने अजहर को कालीसूची में डालने के प्रयासों को बाधित करने की कोशिश की थी.
चीन हर बार करता है वीटो पावर का इस्तेमाल
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच राष्ट्र - अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और रूस - स्थायी सदस्य हैं. इनके पास ‘वीटो' का अधिकार है. यानी यदि उनमें से किसी एक ने भी परिषद के किसी प्रस्ताव के विपक्ष में वोट डाला तो वह प्रस्ताव पास नहीं होगा.
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