महिलाओं से गलत संबंध, भ्रष्टाचार… चीन के जिस मंदिर में कुंग फू जन्मा, उसके मठाधीश पर लगे गंभीर आरोप

मध्य चीन के प्रांत हेनान में स्थित इस शाओलिन मंदिर की प्रसिद्धि एक धार्मिक संस्थान से भी आगे बढ़ गई है. दरअसल यह मंदिर मार्शल आर्ट संस्कृति या कुंग फू के जन्मस्थलि के रूप में भी प्रसिद्ध है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
चीन के प्रसिद्ध शाओलिन मंदिर के मठाधीश पर गंभीर आरोप
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • शाओलिन मंदिर ने मठाधीश शी योंगक्सिन पर प्रोजेक्ट फंड्स और संपत्ति के दुरुपयोग की जांच की घोषणा की है.
  • शी योंगक्सिन पर कई महिलाओं के साथ गलत संबंध और कम से कम एक बच्चे के पिता होने का आरोप लगाया गया है.
  • शाओलिन मंदिर 495 ईस्वी में स्थापित हुआ था और यह जेन बौद्ध धर्म तथा कुंग फू के लिए प्रसिद्ध है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

चीन के प्रसिद्ध शाओलिन मंदिर ने रविवार, 28 जुलाई को घोषणा की कि उसके मठाधीश के खिलाफ प्रोजेक्ट फंड्स और मंदिर की संपत्ति के दुरुपयोग और गबन के संदेह में जांच चल रही है. मंदिर के प्राधिकारी के एक नोटिस के अनुसार, शाओलिन मंदिर के मठाधीश शी योंगक्सिन पर लंबे समय तक कई महिलाओं के साथ गलत संबंध बनाए रखने और कम से कम एक बच्चे का पिता बनकर आपराधिक अपराध करने और बौद्ध उपदेशों का उल्लंघन करने का आरोप है.

नोटिस में कहा गया है कि कई विभागों द्वारा एक संयुक्त जांच की जा रही है और इसके निष्कर्षों की घोषणा उचित समय पर की जाएगी.

गौरतलब है कि मध्य चीन के प्रांत हेनान में स्थित इस शाओलिन मंदिर की प्रसिद्धि एक धार्मिक संस्थान से भी आगे बढ़ गई है. दरअसल यह मंदिर मार्शल आर्ट संस्कृति या कुंग फू के जन्मस्थलि के रूप में भी प्रसिद्ध है. इस मंदिर का जिक्र कई फिल्मों और टीवी शो में किया गया है, जिसमें मार्शल आर्ट सुपरस्टार जेट ली अभिनीत 1982 की फिल्म "द शाओलिन टेम्पल" भी शामिल है.

स्थानीय मीडिया ने बताया कि 59 साल के शी योंगक्सिन, जिसका मूल नाम लियू यिंगचेंग है, को अतीत में भी ऐसे आरोपों का सामना करना पड़ा था, जिसमें यह दावा भी शामिल था कि उन्होंने कई बच्चों को जन्म दिया और पैसे का गबन किया. कैक्सिन ग्लोबल न्यूज आउटलेट के अनुसार, प्रांतीय जांच रिपोर्ट ने 2016 में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था.

मंदिर की वेबसाइट के अनुसार, शी योंगक्सिन ने 1981 में शाओलिन मंदिर में प्रवेश किया और 1999 में इसके मठाधीश बने. 495 ई. में स्थापित यह मंदिर जेन बौद्ध धर्म और चीनी कुंग फू के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है.

शी को पहली बार 2002 में चीन के बौद्ध संघ का उपाध्यक्ष चुना गया था और उन्होंने देश की शीर्ष कानून बनाने वाली संस्था नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया है.

यह भी पढ़ें: चीन ने बह्मपुत्र नदी पर बनाना शुरू किया 'वाटर बम', जानें भारत और पर्यावरण क्‍या पड़ेगा इसका असर

Advertisement
Featured Video Of The Day
IndiGo Flight Chaos: Delhi Airport पर यात्रियों का फूटा गुस्सा, बताया इंडिगो का सच
Topics mentioned in this article