'वन चाइल्ड पॉलिसी' के दुष्परिणाम से जूझ रहा चीन, अब कर्मचारियों को देरी से मिलेगा रिटायरमेंट

1 मार्च से, चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने पेंशन निधि की समस्या को हल करने के लिए नीति को लागू करना शुरू कर दिया है.

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पेंशन फंड की समस्या से जूझ रहा है चीन
बीजिंग:

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपने सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा रही है. दरअसल सख्त वन चाइल्ड पॉलिसी की वजह से पेंशन पर राज्य के खर्च में वृद्धि हो रही है. इनसाइड ओवर की रिपोर्ट के अनुसार, 1 मार्च से, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने पेंशन फंड की समस्या को हल करने के लिए देरी से रिटायरमेंट वाली नीति को लागू करना शुरू कर दिया.

चीनी डिजिटल प्लेटफॉर्म Tencent.com के अनुसार, ये नीति 2013 से लंबे समय से काम कर रही थी, लेकिन श्रम बल की नाराजगी के कारण इसमें देरी हुई. यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी सिडनी के प्रोफेसर फेंग चोंगई बताया कि सीसीपी के परिवार नियोजन ने प्राकृतिक जनसंख्या कानून को नष्ट कर दिया है, जो न केवल चीन में पुरुष और महिला आबादी के असंतुलन का कारण बना, बल्कि श्रम बल की आपूर्ति को भी बहुत प्रभावित किया. साथ ही इसने चीन को एक वृद्ध समाज में बदल दिया.

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ताइवान के अर्थशास्त्री वू जियालोंग ने कहा, "देरी से रिटायरमेंट वाली नीति दर्शाती है कि वृद्धावस्था से संबंधित सामाजिक कल्याण खर्च भारी बोझ बन गए हैं." उन्होंने कहा कि वित्तीय दबावों से निपटने के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के लिए रिटायरमेंट में देरी अंतिम उपाय है, साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि वित्तीय दबावों के कारण भविष्य में लोगों के बीच अशांति पैदा होगी.

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