पैंगोंग झील के ऊपर चीन बना रहा है दूसरा बड़ा पुल, सेटेलाइट तस्वीर आयी सामने

एलएसी (LAC) के साथ चीनी गतिविधियों पर नजर रखने वाले भू-स्थानिक खुफिया शोधकर्ता डेमियन साइमन ने ट्विटर पर नए निर्माण की सेटेलाइट तस्वीर शेयर की है. साइमन ने बताया कि बड़े झील के ऊपर पुल बनाकर सेना की मदद करने के उद्देश्य से पहले पुल के समानांतर एक दूसरा बड़ा पुल बनाया जा रहा है

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चीन पूर्वी लद्दाख में दूसरा बड़ा पुल बना रहा है.
नई दिल्ली::

पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग त्सो झील के आसपास चीन अपने क्षेत्र में एक दूसरा बड़ा पुल बना रहा है. सेटेलाइट (Satellite) से ली गई तस्वीर और जानकारों के अनुसार इससे चीनी सेना को इस क्षेत्र में अपने सैनिकों को जल्दी से जुटाने में मदद मिलेगी. दो साल से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच जारी गतिरोध के बीच इस पुल का निर्माण किया जा रहा है.

हालांकि इस नए निर्माण को लेकर भारतीय सेना की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है. अगस्त 2020 में भारतीय सैनिकों द्वारा पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई रणनीतिक चोटियों पर कब्जा करने के बाद चीन अपने सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

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भारत भी सैन्य तैयारियों को बढ़ाने के सभी प्रयासों के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलों, सड़कों और सुरंगों का निर्माण कर रहा है. पता चला है कि चीन ने हाल ही में इलाके में पहले पुल का निर्माण कार्य पूरा किया है. जानकारों ने बताया है कि नया पुल वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से 20 किमी से अधिक क्षेत्र में बनाया जा रहा है.

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एलएसी के साथ चीनी गतिविधियों पर नजर रखने वाले भू-स्थानिक खुफिया शोधकर्ता डेमियन साइमन ने ट्विटर पर नए निर्माण की सेटेलाइट तस्वीर शेयर की है. साइमन ने बताया कि बड़े झील के ऊपर पुल बनाकर सेना की मदद करने के उद्देश्य से पहले पुल के समानांतर एक दूसरा बड़ा पुल बनाया जा रहा है. झील के ऊपर बड़े और भारी सेना गतिविधि को लेकर दोनों तरफ से एक साथ पुल बनाए जा रहे हैं.

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पुल के बनने से रुडोक के दूर के क्षेत्र से पैंगोंग त्सो में वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास के क्षेत्र की दूरी में काफी कम हो जाएगी. पूर्वी लद्दाख में 4-5 मई 2020 के भारतीय और चीनी सेना का आमना-सामना हुआ था. भारत गतिरोध से पहले यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता रहा है.

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भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख विवाद को सुलझाने के लिए अब तक 15 दौर की सैन्य वार्ता की है. वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर और गोगरा क्षेत्र में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी की थी.

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भारत लगातार इस बात पर कायम रहा है कि एलएसी पर शांति द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है. फिलहाल दोनों देशों की ओर से वर्तमान में इस संवेदनशील क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग 50 हजार से 60 हजार सैनिक हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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