अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर इसी महीने के आखिरी तक 2020 के चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के मामले में आरोप तय हो सकते हैं. न्यूजवीक की एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि फुल्टन काउंटी के जिला अटॉर्नी फानी विलिस 30 जून तक पूर्व राष्ट्रपति (Former President) पर आरोप लगाने या बरी करने का फैसला कर सकते हैं. कथित तौर पर ट्रंप पर जॉर्जिया के चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के प्रयास का आरोप है.
जॉर्जिया के 2020 के चुनाव में हस्तक्षेप करने के ट्रंप के प्रयासों को 16 महीने से अधिक समय हो गया है, जिसमें वह 0.23 अंकों के बहुत छोटे अंतर से हार गए थे. इस पर लगातार जांच की जा रही है. हाल के महीनों में इस मामले में जिला अटॉर्नी ने अपनी जांच तेज कर दी है और राज्य भर से 400 से अधिक लोगों का साक्षात्कार लिया है. विशेष समिति एक साल की जांच के बाद अपने निष्कर्षों पर पहुंचा कि पूर्व राष्ट्रपति द्वारा आयोजित 2020 के चुनाव के परिणाम को उलटने के लिए प्रयास किया गया था, जिसमें बाद में जो बाइडेन को जीत मिली थी. हालांकि इन आरोपों को ट्रंप ने निराधार कहते हुए खारिज कर दिया था.
ये भी पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र महासभा में बहुभाषावाद संबंधी प्रस्ताव पारित, पहली बार हिंदी का किया गया ज़िक्र
बता दें अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निम्न सदन प्रतिनिधि सभा द्वारा 2021 में 6 जनवरी को अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन परिसर) में हुए फसाद की जांच के लिए गठित समिति ने दो दिन पहले ही तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उक्त घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा चुकी है. समिति ने कहा था कि हमला संभवत: स्वत: स्फूर्त नहीं था और यह ‘तख्तापलट की कोशिश' थी, जो प्रत्यक्ष तौर पर हारे हुए राष्ट्रपति की वर्ष 2020 के चुनाव नतीजों को बदलने के प्रयास का नतीजा थी. समिति ने सुनवाई की जानकारी देते हुए कहा कि ट्रंप चुनाव में फर्जीवाड़े को लेकर लगातार झूठ बोल रहे थे और उनकी बाइडन की जीत को रोकने की सार्वजनिक कोशिश का नतीजा हमला और अमेरिका के लोकतंत्र को जोखिम में डालने के रूप में सामने आया था.
ये भी पढ़ें: अमेरिका यात्रा करने वालों को अब कोविड टेस्ट रिपोर्ट साथ ले जाना जरूरी नहीं