थाईलैंड (Thailand) की एक अदालत ने मंगलवार को 2014 के एक मामले में एक ब्रिटिश व्यक्ति (British) को दोषी ठहराया है. इस मामले में एक महिला का शरीर टुकड़ों में काटकर सूटकेस में भरा गया था और उसे नदी में फेंक दिया गया था. शेन केनेथ लुकर (Shane Kenneth Looker) को 27 साल की सेक्स वर्कर लक्सामी मानोचाट (Laxami Manochat) की एक होटल के कमरे में हत्या कर उसके शरीर के टुकड़े करने के मामले में 8 साल की कैद की सजा सुनाई गई है. पुलिस का कहना है कि 51 साल के इस शख़्स ने लक्सामी के साथ 1 नवंबर 2014 को बैंकॉक (Bangkok) के गो-गो बार (Go-Go Bar) से निकलने से पहले फोटो लिए थे. लक्सामी को जिसे "पूक" के नाम भी से जाना जाता था.
इसके बाद दोनों को एक साथ एक होटल में घुसते देखा गया. इसके बाद इस होटल से केवल लुकर को निकलते देखा गया, उसके साथ होटल का सामान उठाने वाला स्टाफ था जो एक बड़े सूटकेस के साथ था. यह सूटकेस इतना भारी था कि इसे दो लोगों ने मिल कर उठाया. होटल के सफाईकर्मचारी का कहना था कि कमरे की चादर पर खून के धब्बे लगे थे.
पश्चिमी शहर कांचनाबुरी में अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि, "अभियुक्त को आरोपों का दोषी पाया जाता है और उसे 16 साल की कैद की सजा सुनाई जानी चाहिए, लेकिन क्योंकि उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है तो इस कारण अदालत ने सजा को आधा कर आठ साल कर दिया है."
अदालत के एक और अधिकारी ने कहा कि लुकर को लक्सामी की मां को 10 मिलियन भाट ($300,000 ) का जुर्माना सूद समेत देने का आदेश दिया गया और साथ ही दो मिलियन भाग सूद समेत मारी गई महिला की बेटी को देने को का आदेश दिया गया.
लक्सामी के शरीर के टुकड़े 6 नवंबर 2014 को पत्थरों से भरे एक सूटकेस में मिले थे जिसे माए क्लोंग नदी (Mae Klong River) में फेंका गया था. लुकर का डीएनए (DNA) लक्सामी के नाखूनों के नीचे मिला था.
कंचानाबुरी प्रांत की अदालत ने 28 जनवरी 2015 को, " हत्या करने और छिपाने, शरीर को ले जा कर नष्ट करने और हत्या के कारण के सबूत छिपाने के आरोप में अरेस्ट वॉरेंट जारी किया था."
लेकिन ब्रिटिश व्यक्ति जो अपने हॉलीडे होम में कई हफ्तों रहा था, वो तब तक ट्रेन से मलेशिया जा चुका था और फिर स्पेन पहुंच चुका था.
जून 2017 में लुकर को स्पेन के अधिकारियों ने इंटरनेशनल अरेस्ट वॉरेंट पर पार्टी द्वीप इबिज़ा से गिरफ्तार किया था.
उसने कई साथ प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी और दावा किया कि थाईलैंड में उसके साथ गैरमानवीय व्यहवार होगा. लेकिन यूरोप की मानवाधिकार कोर्ट ने थाई अधिकारियों की तरफ से मृत्युदंड ना दिए जाने का भरोसा देने के बाद उसके दावे को रद्द कर दिया था और उसे इस मुकदमे के लिए थाईलैंड भेज दिया गया था.