एयर इंडिया विमान हादसे में बोइंग को लेकर सवाल उठ रहे हैं. बोइंग के हाई लेवल पूर्व मैनेजर और व्हिसलब्लोअर एड पियर्सन ने अहमदाबाद विमान हादसे के बाद एनडीटीवी से बात की. पियर्सन ने 2019 में यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस के सामने गवाही दी थी कि उन्होंने कंपनी के 737 मैक्स वैरियंट में सेफ्टी से जुड़ी चिंताओं को चिह्नित किया था. उन्होंने NDTV को बोइंग की प्रोड्कशन फैसिलिटिज में की जा रही अराजक और खतरनाक तरीके से प्रोडक्शन के बारे में बताया है.
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी. यह 2009 के बाद से 787 की पहली दुर्घटना थी, लेकिन इसने ड्रीमलाइनर मैन्यूफैक्चरिंग मानकों के बारे में लंबे समय से चली आ रही चिंताओं और व्हिसलब्लोअर जॉन बार्नेट की ओर उठाए मुद्दों पर सबका ध्यान खींचा है. बार्नेट की पिछले साल रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी.
बोइंग पर क्या सवाल उठे थे
बार्नेट और पियर्सन की ही तरह सैम सालेहपुर ने बोइंग के विमानों पर सवाल उठाए थे वो भी बोइंग के व्हिसलब्लोअर हैं. उन्होंने कंपनी पर सुरक्षा की अपेक्षा लाभ को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया था. बोइंग की तरफ सार्वजनिक रूप से चेतावनी दिए जाने पर उन्होंने जवाबी कार्रवाई की थी. पियर्सन ने पिछले वर्ष अप्रैल में गवाही के दौरान अमेरिकी कांग्रेस के सामने कहा, "यह सही है...सालेहपुर बोइंग के इंजीनियर हैं. उन्होंने बोइंग पर समस्याओं, मतलब स्ट्रकचरल समस्याओं की सूचना दी थी, और उन्होंने कर्मचारियों की तरफ से पार्ट्स को जबरदस्ती एक साथ फिट करने के बारे में बहुत ही चौंकाने वाली जानकारी दी थी. कर्मचारी जबरदस्ती एक साथ पार्ट्स फिट कर रहे थे, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए..."
बोइंग के पूर्व कर्मचारी ने क्या कहा
पियर्सन ने एनडीटीवी को बताया, "...और उन्होंने चिंता व्यक्त की और कंपनी के अंदर से इन चिंताओं को उठाने के लिए वह सब कुछ किया, जो वह कर सकते थे, लेकिन उन्हें पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसलिए उन्होंने महसूस किया कि मुखबिर बनना आवश्यक है. सालेहपुर द्वारा चिन्हित की गई समस्याओं में ड्रीमलाइनर के धड़ में स्ट्रकचरल समस्याएं शामिल थीं; उन्होंने दावा किया कि स्मॉल गैप्स और गलत तरीके से असेंबल करने के कारण से स्ट्रकचरल फेलियर की आशंका हो सकती हैं. बोइंग ने सालेहपुर सहित सभी व्हिसलब्लोअर्स के दावों का कड़ा विरोध किया था और कहा था कि ड्रीमलाइनर को 1,50,000 सेफ्टी टेस्ट और ऑडिट से गुज़ारा गया था. इसके साथ ही सैम सालेहपुर सहित किसी भी व्हिसलब्लोअर्स पर कार्रवाई करने के आरोपों को भी खारिज कर दिया.
संयुक्त राज्य अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने सालेहपुर के दावों के आधार पर जांच शुरू की. इसके बाद एफएए ने ऑपरेट हो रहे 787 विमानों को चलाने की मंजूरी दे दी.
हादसे वाले प्लेन में गड़बड़ी थी?
बुधवार को, एयर इंडिया विमान दुर्घटना के कुछ घंटों बाद भी अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि तत्काल कोई सेफ्टी डेटा उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते अमेरिका में बोइंग 787 उड़ानों को रोकने की आवश्यकता हो. यह पूछे जाने पर कि क्या सालेहपुर की तरफ से उठाई गई चिंताएं पहले से ही मौजूद थीं या वास्तव में, उनके कारण ही एयर इंडिया की भयावह दुर्घटना हुई, पियर्सन ने एनडीटीवी से कहा, "यह संभव है... सलेहपुर की चिंताएं एयर इंडिया के विमान में भी हो सकती हैं. उन्होंने जिन समस्याओं की पहचान की है... जाहिर है कि विमान लंबे समय से इसी तरह बनाए जा रहे थे."
737 मैक्स विमानों के संबंध में अपनी खुद की शिकायत पर पियर्सन ने कहा कि कंपनी में अव्यवस्थित और खतरनाक तरीके से मैन्यूफैक्चरिंग के कई संकेत थे. हम विमान बनाने में जल्दबाजी कर रहे थे... कर्मचारियों पर ओवरटाइम करने का दबाव था... विशेष रूप से पार्ट्स, एयरक्राफ्ट सिस्टम इशू, फंक्शनल सिस्टम टेस्टिंग और इलेक्ट्रिकल सिस्टम टेस्टिंग से संबंधित समस्याएं थीं..."
भारतीय एजेंसियों ने हादसे पर क्या कहा
फिलहाल भारतीय अधिकारी AI-171 विमान दुर्घटना की जांच कर रहे हैं; फ्लाइट AI-171 का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और उसमें मौजूद वॉयस और सिस्टम डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है. सरकार ने दुर्घटना की जांच करने और विमानों और यात्रियों की सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए दिशा-निर्देश सुझाने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन भी किया है.
इस समय उपलब्ध जानकारी से केवल यह पता चलता है कि फ्लाइट ने उड़ान भरने के कुछ सेकेंड बाद ही अपनी गति खो दी थी. सरकार ने कहा है कि पायलटों ने 1.39 से 1.40 बजे के बीच अहमदाबाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल को संकट का रेडियो संदेश भेजा था, लेकिन इसके बाद एटीसी द्वारा विमान को वापस बुलाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई.
विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई; एकमात्र जीवित व्यक्ति सीट 11A पर बैठा एक ब्रिटिश-भारतीय व्यक्ति था, तथा जमीन पर कम से कम 31 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिससे मृतकों की कुल संख्या 274 हो गई है.