इधर सीरिया के राष्ट्रपति असद भागे रूस, तो उधर अमेरिका ISIS पर बरसाने लगा बम

बशर अल-असद के रूस भागने के तुरंत बाद अमेरिका ने सीरिया में ISIS के ठिकानों पर हमला बोल दिया. इस दौरान 75 से ज्‍यादा आईएसआईए के ठिकानों को निशाना बना गया.

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राष्‍ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भागे
वाशिंगटन:

सीरिया में असद सरकार का तख्‍तापलट हो गया है. राष्‍ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए हैं. अब सीरिया का क्‍या होगा? विद्रोहियों द्वारा राजधानी दमिश्क पर कब्ज़ा करने और राष्ट्रपति बशर अल-असद को 13 साल के गृह युद्ध और उनके परिवार के पांच दशकों के निरंकुश शासन के बाद रूस भागने के लिए मजबूर करने के कुछ ही घंटों बाद, अमेरिका ने रविवार को सीरिया के अंदर आईएसआईएस के दर्जनों ठिकानों पर हमला किया. आईएसआईएस के साथ-साथ किसी अन्‍य गुटों ने भी ये सोचा नहीं होगा कि अमेरिका इस दिन हमला करेगा, जबकि वे कह चुके थे कि वो इस 'जंग' में नहीं कूदेंगे. अमेरिका की एयरस्‍ट्राइक में आईएसआईएस को काफी नुकसान हुआ है. 

'सीरिया में ISIS को नहीं उठाने देंगे फायदा' 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आईएसआईएस के ठिकानों पर किये गए हमलों को लेकर कहा, 'वाशिंगटन की स्पष्ट राय है कि इस्लामिक स्टेट चरमपंथी समूह, जिसे अक्सर आईएसआईएस के रूप में जाना जाता है, सीरिया में खुद को फिर से स्थापित करने के लिए किसी भी स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश करेगा. उन्होंने कहा, 'हम ऐसा नहीं होने देंगे.' व्हाइट हाउस से बोलते हुए जो बाइडेन ने कहा कि उनकी सेना ने रविवार को सीरिया के अंदर आईएसआईएस के खिलाफ हमले किये. अमेरिकी सेना ने पुष्टि की है कि उसके फाइटर प्‍लेन ने इस्लामिक स्टेट के कार्यकर्ताओं और शिविरों पर हमला किया.'

असद सरकार का अंत, लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण

यूएस सेंट्रल कमांड ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'मध्य सीरिया में बी-52, एफ-15 और ए-10 सहित कई फाइटर प्‍लेन ने 75 से ज्‍यादा टारगेट पर अटैक किया.' बता दें कि इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से लड़ने के लिए अमेरिका दक्षिण-पूर्व सीरिया में लगभग 900 सैनिकों की सेना रखता है. बाइडेन ने यह भी कहा कि असद शासन का पतन जरूरी था. यह सीरिया के लंबे समय से पीड़ित लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण है' बता दें कि अपदस्थ सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनका परिवार कथित तौर पर मास्को भाग गए हैं और उन्हें शरण दी गई है.

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सिर्फ 11 दिन में गिरा दी असद सरकार

सीरिया में हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) समूह द्वारा असद परिवार के पांच दशकों से अधिक के शासन को आक्रामक तरीके से चुनौती देने के 11 दिन बाद उनकी सरकार गिर गई. शीर्ष विद्रोही कमांडर अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने दमिश्क में एक विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए कहा, "मेरे भाइयों, इस महान जीत के बाद पूरे क्षेत्र में एक नया इतिहास लिखा जा रहा है.' विद्रोहियों ने 27 नवंबर को आगे बढ़ना शुरू किया, उसी दिन पड़ोसी लेबनान में इज़राइल और ईरान समर्थित हिजबुल्लाह सदस्यों के बीच युद्धविराम हुआ. 2011 में शुरू हुए सीरिया के गृहयुद्ध में 5,00,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और आधी आबादी को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

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