- बांग्लादेश में इंकलाब मंच के छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हिंसा भड़क गई है, जगह-जगह आगजनी हो रही
- देशभर में हिंसा के बीच ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर शव को आग के हवाले किया गया
- अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने हत्या की निंदा करते हुए शांति बनाए रखने और हिंसा न फैलाने की अपील की है
बांग्लादेश में इंकलाब मंच के छात्र नेता और ढाका-8 के निर्दलीय उम्मीदवार शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. पूरे बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, आगजनी की जा रही है. बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. पहले उस व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या की गई और फिर उसके शव को पेड़ पर लटकाकर उसे आग के हवाले कर दिया गया. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने हिंदू व्यक्ति की हत्या की निंदा की है और शांति की अपील करते हुए बयान जारी किया है.
बांग्लादेश सरकार की तरफ से कहा गया कि सरकार मैमनसिंह में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या की भी कड़ी निंदा करती है. कहा गया है कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.
हिंदू युवक के साथ क्या हुआ?
बांग्लादेश में भारत विरोधी प्रदर्शनों के बीच, इस्लाम का अपमान करने के आरोप में मैमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में एक युवा हिंदू व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई.
स्थानीय और प्रत्यक्षदर्शी सूत्रों का हवाला देते हुए, बांग्लादेशी बंगाली मीडिया आउटलेट बार्टा बाजार ने बताया कि दीपू पर विश्व अरबी भाषा दिवस के अवसर पर फैक्ट्री में एक कार्यक्रम के दौरान इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था. यह बात तेजी से स्क्वायर मास्टरबाड़ी क्षेत्र में स्थिति इस पायनियर निट कंपोजिट फैक्ट्री में फैल गई, जहां दास काम करते थे और आसपास के इलाकों में तनाव फैल गया. गुस्साई भीड़ ने 30 वर्षीय दीपू चंद्र दास को पहले बुरी तरह मारा और फिर बॉडी को पेड़ पर लटकाकर आग लगा दी.
उस्मान हादी का सम्मान करें, हिंसा नहीं- यूनुस सरकार
सरकार ने उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा पर बांग्लादेश के सभी नागरिकों से इसका विरोध करने का आग्रह किया है. बयान में कहा गया, "हम हिंसा, धमकी, आगजनी और संपत्ति के विनाश के सभी कृत्यों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं." सरकार ने मौजूदा वक्त को देश के इतिहास में एक ऐतिहासिक लोकतांत्रिक परिवर्तन का महत्वपूर्ण क्षण बताया है और चेतावनी दी है कि इसे उन लोगों द्वारा पटरी से नहीं उतारा जाना चाहिए जो अराजकता पर पनपते हैं और शांति को अस्वीकार करते हैं.
सरकार ने कसम खाई कि जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. सरकार से शांति की अपील करते हुए कहा, "इस महत्वपूर्ण समय में, हम प्रत्येक नागरिक से हिंसा, उकसावे और नफरत को अस्वीकार और विरोध करके शहीद हादी का सम्मान करने का आह्वान करते हैं."














