- बांग्लादेश में 12 फरवरी को आम चुनाव और जनमत संग्रह एक साथ कराए जाएंगे, मतदाता 2 बैलेट डालेंगे
- जनमत संग्रह की वजह से वोटिंग का समय एक घंटा बढ़ाया गया है. नामांकन पत्र 29 दिसंबर तक दाखिल होंगे
- शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद बांग्लादेश में होने वाला यह पहला चुनाव होगा
बांग्लादेश में आम चुनाव की तारीख तय हो गई है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) एएमएम नासिर उद्दीन ने गुरुवार को बताया कि 12 फरवरी को आम चुनाव कराये जाएंगे. पिछले साल अगस्त में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद ये पहले चुनाव होंगे. इसी दिन, मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय सहमति आयोग के सुधार प्रस्तावों पर जनता की राय जानने के लिए जनमत संग्रह भी कराया जाएगा.
यूनूस ने बताया ऐतिहासिक अवसर
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने इसे नए बांग्लादेश के निर्माण का ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि चुनाव पूरी तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए. सीईसी की राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मुलाकात के एक दिन बाद यह घोषणा की गई. राष्ट्रपति ने आम चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए सीईसी को पूर्ण समर्थन और सहयोग का भरोसा दिलाया था.
1 घंटे बढ़ाया गया वोटिंग का समय
इस बार वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया गया है. 12 फरवरी को सुबह 7:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक मतदान होगा. यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि मतदाताओं को दो बैलेट डालने होंगे, एक चुनाव के लिए और दूसरा जनमत-संग्रह के लिए. चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के साथ ही बांग्लादेश में आचार संहिता लागू हो गई है. उम्मीदवारों को 48 घंटे के भीतर पोस्टर-बैनर हटाने के निर्देश दिए गए हैं.
29 दिसंबर तक भरे जाएंगे पर्चे
सीईसी नासिर ने चुनाव कार्यक्रम के बारे में बताया कि संसदीय चुनाव के लिए नामांकन पत्र 29 दिसंबर 2025 तक दाखिल किए जाएंगे. 30 दिसंबर से 4 जनवरी 2026 तक नामांकन की स्क्रूटनी होगी. 20 जनवरी नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है. 21 जनवरी को प्रतीक आवंटन और अंतिम उम्मीदवार सूची जारी होगी. इसके साथ ही 22 जनवरी से 10 फरवरी सुबह 7:30 बजे तक चुनाव प्रचार की अनुमति होगी. चुनाव प्रचार केवल तीन सप्ताह पहले शुरू हो सकेगा.
हसीना सरकार गिरने के बाद पहला चुनाव
बांग्लादेश में पिछले आम चुनाव जनवरी 2024 में हुए थे. शेख हसीना ने विवादों और प्रमुख पार्टियों द्वारा बहिष्कार के बीच चुनावों में जीत हासिल की थी. 2024 के चुनाव में हसीना की जीत के छह महीने बाद, उनकी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गये थे. हिंसक प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को 5 अगस्त 2024 को भारत आना पड़ा था. इसके तीन दिन बाद, यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पद संभाला था. अंतरिम सरकार ने हसीना की अवामी लीग को भंग कर दिया है.
खालिदा जिया की पार्टी का दबदबा बढ़ा
गंभीर रूप से बीमार पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (बीएनपी) अब मुख्य पार्टी बनकर उभरी है. कभी उसकी सहयोगी रही जमात-ए-इस्लामी, अवामी लीग की गैरमौजूदगी में मुख्य प्रतिद्वंद्वी बन गई है. दोनों पार्टियों ने 300 सीट वाली संसद के चुनाव में अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है.
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फलहरुल इस्लाम आलमगीर ने गुरुवार को कहा कि पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान लंदन में 17 साल के निर्वासन के बाद ‘बहुत जल्द बांग्लादेश लौटेंगे. उन्होंने कहा कि जिस दिन हमारे नेता बांग्लादेश की धरती पर कदम रखेंगे, पूरे देश को उनकी मौजूदगी का अहसास होना चाहिए.














