शेख हसीना के खास बांग्लादेशी सेना के 15 अफसर गिरफ्तार, कैंट एरिया की बिल्डिंग बनी जेल- जानिए क्या आरोप लगे

Bangladesh: अवामी लीग शासन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के दो अलग-अलग मामलों में पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना सहित 30 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया था. इनमें ये 15 सेना अधिकारिक भी शामिल थे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • बांग्लादेश गृह मंत्रालय ने 15 सैन्य अधिकारियों को हिरासत में लेकर ढाका कैंट में अस्थायी जेल बनाया है
  • शेख हसीना समेत 30 आरोपियों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले दर्ज, इन आरोपियों में ये 15 अफसर भी
  • इन आरोपियों को 22 अक्टूबर तक गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का आदेश तीन सदस्यीय पीठ ने दिया है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने सोमवार, 13 अक्टूबर को 15 सैन्य अधिकारियों को हिरासत में लेने के बाद ढाका कैंट की ही एक बिल्डिंग को अस्थायी जेल बना दिया. सेना ने इन अधिकारियों को अपनी कस्टडी में ले लिया है लेकिन आधिकारिक रूप से उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं दिखाया गया है. माना जा रहा है कि इन्हें आधिकारिक रूप से गिरफ्तार दिखाने के बाद इसी अस्थाई जेल में रखा जाएगा.

इससे पहले 8 अक्टूबर को, बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने अवामी लीग शासन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के दो अलग-अलग मामलों में पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना सहित 30 आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी किया था. इनमें ये 15 सेना अधिकारिक भी शामिल थे. इन आरोपियों को 22 अक्टूबर तक गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का आदेश दिया गया है. जस्टिस मोहम्मद गोलाम मुर्तुजा मजूमदार के नेतृत्व वाली ICT की तीन सदस्यीय पीठ ने बीते बुधवार को आदेश जारी किया.

हसीना के अलावा, जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं उनमें पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान और रिटायर्ड मेजर जनरल तारिक अहमद सिद्दीकी, पूर्व प्रधान मंत्री के रक्षा सलाहकार और पूर्व पुलिस प्रमुख बेंजीर अहमद भी शामिल हैं. बाकि आरोपियों में से 27 पूर्व और सेवारत सेना अधिकारी हैं. 

सेना अधिकारियों पर क्या आरोप?

शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान "गायब होने और मानवता के खिलाफ अपराधों" में कथित हाथ होने के लिए जिन सैन्य अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं, उनमें से पंद्रह को सैन्य हिरासत में ले लिया गया है. प्रधान मंत्री शेख हसीना के सैन्य सचिव के रूप में सेवा देने वाले मेजर जनरल कबीर अहमद छिपे हुए हैं. ICT के मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने संवाददाताओं से कहा, "आरोपी को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी पुलिस की है. वे गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर आरोपी को ट्रिब्यूनल के सामने पेश करेंगे. ट्रिब्यूनल निर्देश देगा कि आरोपी को कहां रखा जाएगा."

उन्होंने कहा, "सरकार देश में किसी भी स्थान को अस्थायी जेल घोषित कर सकती है." 

गौरतलब है कि शेख हसीना की सरकार ने ही पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध के युद्ध अपराधियों के मुकदमे के लिए ICT की स्थापना की थी. विडंबना यह है कि अब अंतरिम सरकार अपने कानूनी ढांचे में संशोधन के बाद हसीना और उनके सहयोगियों पर ही ICT में मुकदमा चला रही है.

Featured Video Of The Day
Bihar Election 2025: वोट किस ओर शिफ्ट हुए? | Shubhankar Mishra | Kachehri | Owaisi | Tejashwi Yadav
Topics mentioned in this article