बांग्लादेश के सलाहकार भारत के साथ संबंधों में गतिरोध के समाधान को लेकर आशावादी

बांग्लादेश में आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी की बांग्लादेश की यह पहली यात्रा होगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
ढाका:

बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने रविवार को कहा कि भारत और बांग्लादेश हाल के महीनों में संबंधों में आए गतिरोध को दूर करने में सक्षम होंगे. हुसैन की टिप्पणी सोमवार को भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बांग्लादेश यात्रा से पहले आई है. मिस्री अपनी यात्रा के दौरान अगस्त में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद बड़े पैमाने पर हिंदुओं पर हमलों को लेकर भारत की चिंताओं को बांग्लादेश के सामने उठा सकते हैं.

बांग्लादेश में आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी की बांग्लादेश की यह पहली यात्रा होगी.

हुसैन ने नेशनल प्रेस क्लब में ‘सार्क-पीपुल ऑफ साउथ एशिया क्रेव' नामक सेमिनार में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम इस गतिरोध को दूर करने में सक्षम होंगे. इस तरह के किसी भी गतिरोध को दूर करने के लिए आपसी संवाद स्थापित करना और एक-दूसरे से मिलना बहुत महत्वपूर्ण है.''

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि उनके (विदेश सचिवों के) बीच सार्थक चर्चा होगी.'' हुसैन ने कहा कि यदि वे किसी समस्या का समाधान करना चाहते हैं तो यह स्वीकार करना जरूरी है कि कोई समस्या है.

हुसैन ने कहा कि यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों में पांच अगस्त के बाद बदलाव आया है तथा दोनों पक्षों को संबंधों को आगे बढ़ाने और इस बदली हुई वास्तविकता को स्वीकार करने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में द्विपक्षीय व्यापारिक गतिविधियों के मामले में दोनों देशों में जो गिरावट देखी गई है, उससे दोनों पक्ष प्रभावित हुए हैं.

उन्होंने कोलकाता और पश्चिम बंगाल में व्यापार पर पड़ने वाले प्रभावों का भी उल्लेख किया.

बांग्लादेश के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने कहा कि भारत के साथ विदेश कार्यालय परामर्श के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के सभी तत्वों को एजेंडे में रखने का प्रयास किया गया. उन्होंने व्यापार, सीमा प्रबंधन, कनेक्टिविटी और जल मुद्दों को चर्चा के प्रमुख क्षेत्र बताया.

अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया. हसीना के भारत में शरण लेने के कुछ दिनों बाद ही यूनुस सत्ता में आए थे. हाल के हफ्तों में हिंदुओं पर हमलों और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद संबंध और भी खराब हो गए.

काठमांडू स्थित सार्क पत्रकार फोरम ने रविवार को सेमिनार आयोजित किया. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कई मीडिया साक्षात्कारों में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) को आपसी लाभ के लिए एक जीवंत क्षेत्रीय समूह के रूप में पुनर्जीवित करने की इच्छा व्यक्त की.

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Madhya Pradesh: Bhopal में जेबकतरे ने चलती बस में कंडक्टर पर चाकू से किया हमला, कैमरे में कैद
Topics mentioned in this article